पल-पल पर रही भारतीय अमले की नजर
सिडनी के बीचोंबीच न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्लू) स्थित लिंड चॉकलेट कैफे में दो भारतीयों समेत तीस लोगों को बंधक बनाए जाने के प्रकरण में भारत के कूटनीतिक प्रयास कामयाब रहे। सिडनी में भारतीय वाणिज्यिक दूतावास ऐहतियातन खाली कराया गया और सभी भारतीय दूतावास कर्मचारियों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया
नई दिल्ली/सिडनी। सिडनी के बीचोंबीच न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्लू) स्थित लिंड चॉकलेट कैफे में दो भारतीयों समेत तीस लोगों को बंधक बनाए जाने के प्रकरण में भारत के कूटनीतिक प्रयास कामयाब रहे। सिडनी में भारतीय वाणिज्यिक दूतावास ऐहतियातन खाली कराया गया और सभी भारतीय दूतावास कर्मचारियों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया। ब्रिस्बेन शहर में मौजूद भारतीय क्रिकेट टीम को भी अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की गई है।
सुषमा की उच्चायोग से बात
भारत सरकार लगातार इस मामले पर नजर बनाए रही। बंधक प्रकरण को सुलझाने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कैनबरा स्थित भारतीय उच्चायोग से भी बातचीत की थी। ऐहतियात के तौर पर सिडनी स्थित वाणिज्यिक दूतावास से सभी भारतीय कर्मियों को हटा लिया गया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। दूतावास की ये इमारत घटनास्थल से 300-400 मीटर ही दूर है। सिडनी में काउंसिल जनरल संजय सुधीर ने बताया कि सुरक्षा कारणों से दूतावास को बंद किया गया। मार्टिन प्लेस स्थित कैफे सिडनी के व्यापारिक क्षेत्र का गढ़ है। घटनास्थल के आसपास ही अन्य भारतीय वाणिज्यिक प्रतिष्ठान हैं जैसे एसबीआइ, बैंक ऑफ बड़ौदा और भारतीय पयर्टन कार्यालय भी स्थित है।
एक दिन में अभियान खत्म करने का दावा किया पूरा
गुंटूर (आंध्र प्रदेश)। ऑस्ट्रेलिया के प्रशासन ने सिडनी में बंधक 35 वर्षीय भारतीय आइटी विशेषज्ञ विश्वकांत अंकित रेड्डी की पत्नी को बताया था कि उन्हें छुड़ाने का अभियान एक दिन में पूरा हो जाएगा और आखिर वही हुआ। पहले आंध्र प्रदेश में विश्वकांत की सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना कर रहे परिजन अब बेहद खुश हैं।
विश्वकांत के पिता ईश्वर रेड्डी ने बताया कि उनका बेटा ऑस्ट्रेलिया में पिछले सात साल से काम कर रहा है। गुंटूर के रहने वाले ईश्वर रेड्डी ने बताया कि सिडनी से उनकी बहू शिल्पा रेड्डी ने सुबह नौ बजे उन्हें फोन किया था। शिल्पा ने बताया था कि ऑस्ट्रेलियाई प्रशासन ने उनके पति को बंधक बनाए जाने के बाद उनसे मुलाकात की और उन्हें नहीं घबराने को कहा था। उन्होंने बताया कि उनकी बहू से कहा गया था कि बंधकों को छुड़ाने का अभियान एक दिन में खत्म हो जाएगा। उन्होंने बताया कि उनका बेटा मेलबर्न में नेशनल ऑस्ट्रेलियन बैंक में सीनियर प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर काम कर रहा था। वह आठ महीने पहले ही सिडनी शिफ्ट हुआ है। उन्होंने बताया कि उनकी छह साल की पोती है।
ऑस्ट्रेलिया के इस्लामिक नेताओं ने की निंदा
सिडनी। ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख मुसलिम उलेमा ने सिडनी बंधक प्रकरण की निंदा की है। देश के प्रमुख मुफ्ती इब्राहिम अबू मोहम्मद ने कहा कि ये इस्लाम को बदनाम किया जा रहा है। मुसलिम समुदाय मासूम लोगों को बंधक बनाए जाने की घटना से आहत है।
वहीं, आस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय इमाम परिषद ने भी घटना को बहुत ही घृणित आपराधिक मामला बताया है। उन्होंने कहा कि इस्लाम में ऐसी घटनाओं को हमेशा खारिज किया गया है। सिडनी के मुस्लिम नेताओं ने प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर इस मामले में सुलझाने को अपनी मदद देने की भी पेशकश भी की थी।
मुस्लिमों के मददगार बने ऑस्ट्रेलियाई
हैशटैग आइविलराइडविदयू के साथ ऑस्ट्रेलियाई समुदाय मुसलमानों का साथ देने के लिए एकजुट हो गया था। बंधक प्रकरण से नफरत की आंच ऑस्ट्रेलिया में बसे मुसलमानों पर न पड़े इसके लिए ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों ने सोशल नेटवर्किंग साइटों पर ये अभियान छेड़ दिया। ऑस्ट्रेलिया के सार्वजनिक वाहनों और सार्वजनिक स्थलों पर अपने परंपरागत कपड़ों के कारण मुस्लिम समुदाय निशाना न बने इसके लिए वहां के लोगों ने सहोदर और भाईचारे का परिचय दिया।
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