चीन का आरोप, सिल्क रोड प्रोजेक्ट के विरोध के लिए कश्मीर मुद्दा उछाल रहा भारत
मीडिया में आई चर्चा के मुताबिक राष्ट्रपति चिनफिंग इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी बुलाना चाहते हैं।
बीजिंग, प्रेट्र : चीन ने कहा है कि भारत उसकी महात्वाकांक्षी सिल्क रोड योजना में अड़ंगा डालने के लिए कश्मीर मुद्दे को उछाल रहा है। यह भारत की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाने वाला है। बेहतर होगा कि भारत इस मानसिकता से निकले। यह बात चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के एक लेख में कही गई है।
अखबार ने लिखा है कि सिल्क रोड प्रोजेक्ट में शामिल न होने के लिए भारत ने इसके गुलाम कश्मीर से होकर गुजरने को कारण बताया है। जबकि कश्मीर को लेकर चीन की राय स्पष्ट है और वह कभी नहीं बदलेगी। लेख में कहा गया है कि भारत इस प्रोजेक्ट का राजनीतिक कारणों से विरोध कर रहा है। वह चीन के दक्षिण एशिया होते हुए दुनिया में प्रवेश की कोशिश में बाधा डाल रहा है।
लेख में भारत को यह रुख छोड़ने की सलाह दी गई है। कहा गया है कि यह बहुमूल्य समय संकीर्ण मानसिकता को छोड़कर सभी के साथ जुड़ने का है। इससे भारत को दूसरी तरह की दुनिया को देखने का मौका मिलेगा।
राष्ट्रपति शी चिनफिंग द्वारा इस प्रोजेक्ट पर आयोजित सम्मेलन से भारत के दूर रहने को मौका गंवाने वाला बताया गया है। सम्मेलन में पड़ोसी देश रूस, इंडोनेशिया, कजाखस्तान और पाकिस्तान भी भाग ले रहे हैं। चीनी विदेश मंत्री वांग ई का हवाला देते हुए बताया गया है कि इस सम्मेलन में पूरी दुनिया के 20 राष्ट्राध्यक्ष, 50 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के पदाधिकारी, विभिन्न देशों के 100 मंत्री और 1200 अन्य अतिथि शामिल होंगे।
मीडिया में आई चर्चा के मुताबिक राष्ट्रपति चिनफिंग इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी बुलाना चाहते हैं। इसके लिए वह अप्रैल में ट्रंप के साथ फ्लोरिडा में होने वाली मुलाकात में प्रस्ताव रख सकते हैं। सिल्क प्रोजेक्ट के जरिये चीन एशिया को यूरोप से सड़क मार्ग से जोड़ने की रूपरेखा तैयार कर रहा है। इसी के हिस्से के रूप में उसने चीन-पाकिस्तान इकोनोमिक कॉरीडोर विकसित किया है।
आशंका में पाकिस्तानी
सीपीईसी और इसके बाद सिल्क रोड प्रोजेक्ट से पाकिस्तानी कारोबार को फायदा होगा। यह सोचकर इलेक्टि्रसिटी केबल बनाने वाले पाकिस्तानी उद्योगपति कमाल अमजद मियां ने करीब दो अरब रुपये की लागत से दूसरा कारखाना लगा डाला। लेकिन अब चीन का कर मुक्त माल उनके लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है। केबल ही नहीं कई अन्य तरह का सामान बिना किसी कर के पाकिस्तान में आ रहा है और उसकी खपत हो रही है। सीपीईसी में लगने वाले धन की वापसी को लेकर पाकिस्तानी संसद में पहले भी चिंता जताई जा चुकी है।
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