संयुक्त राष्ट्र की संस्था में भारत फिर निर्वाचित
आर्थिक एवं सामाजिक मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था में भारत भारी बहुमत से दोबारा निर्वाचित हो गया। एशिया-प्रशांत समूह में भारत ने सबसे ज्यादा
संयुक्त राष्ट्र। आर्थिक एवं सामाजिक मुद्दों पर संयुक्त राष्ट्र की संस्था में भारत भारी बहुमत से दोबारा निर्वाचित हो गया। एशिया-प्रशांत समूह में भारत ने सबसे ज्यादा मत हासिल किए।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्य देशों ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक परिषषद (इकोसोक) के 18 सदस्यों का चुनाव किया। इसका तीन साल का कार्यकाल 1 जनवरी से शुरू होगा।
भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र से सदस्यता की दौड़ में था, जिसमें तीन सीटों के लिए चुनाव हुए। इकोसोक में भारत का पहला कार्यकाल इसी साल के अंत में समाप्त होने वाला है। भारत को सबसे ज्यादा 183 वोट मिले। इसके बाद जापान को 181 वोट मिले।
इकोसोक की सदस्यता के लिए किसी भी देश को दो-तिहाई यानी कम से कम 124 वोट हासिल करना जरूरी है।
ये देश हुए निर्वाचित
भारत के अलावा इकोसोक में अर्जेटीना, ऑस्ट्रिया, ब्राजील, बुर्किना फासो, इस्टोनिया, फ्रांस, जर्मनी, घाना, यूनान, होंडुरास, जापान, मारीतानिया, पाकिस्तान, पुर्तगाल , त्रिनिदाद एवं टौबेगो, यूगांडा और जिम्बॉब्वे चुने गए हैं। इनमें से ऑस्ट्रिया, बुर्किना फासो, फ्रांस, जर्मनी, यूनान, भारत, जापान और पुर्तगाल दोबारा चुने गए हैं।
मानवाधिकार समिति में भी चयन गौरतलब है कि अभी एक सप्ताह पहले ही भारत 47 सदस्यों वाली संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषषद के लिए चुना गया था। इसका कार्यकाल 2015-2017 होगा। इस समिति में भारत को मौजूदा कार्यकाल दिसंबर में समाप्त होने वाला है।
इस चुनाव में भारत ने 182 वोट हासिल किए थे। इस निर्वाचन के बाद संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत अशोक मुखर्जी ने कहा कि था कि संयुक्त राष्ट्र परिवार में भारत को स्थान बहुत ऊंचा है। यह बताता है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में भारत के दृष्टिकोण को कितना समर्थन हासिल है।
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