भारतीय शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की जरूरतः रॉबिन चौरसिया
भारतीय शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की वकालत करते हुए एक शिक्षिका ने कहा है कि यह ऐसा होना चाहिए, जिसमें सभी को आगे बढ़ने का समान अवसर मिले। रॉबिन चौरसिया के अनुसार दबाव और गैर बराबरी भारतीय शिक्षा व्यवस्था की वर्तमान हकीकत है।
दुबई। भारतीय शिक्षा व्यवस्था में बदलाव की वकालत करते हुए एक शिक्षिका ने कहा है कि यह ऐसा होना चाहिए, जिसमें सभी को आगे बढ़ने का समान अवसर मिले। रॉबिन चौरसिया के अनुसार दबाव और गैर बराबरी भारतीय शिक्षा व्यवस्था की वर्तमान हकीकत है। उन्होंने इसकी जगह पूरी तरह से नई व्यवस्था बनाने की सलाह दी है। ऐसी व्यवस्था जिसका मकसद बिना किसी दबाव के सभी को आगे बढ़ने का अवसर उपलब्ध कराना हो।
उन्होंने कहा कि शिक्षा का मकसद खुशहाली लाना है। दयालु और अच्छे इंसान पैदा करना है जो पूरी दुनिया में खुशहाली ला सकें। मुंबई के सबसे बड़े रेड लाइट इलाके कमाठीपुरा में ज्ञान की ज्योति जलाने वाली चौरसिया इस साल ग्लोबल टीचर अवॉर्ड पाने की दौड़ में हैं।
लंदन की वार्की फाउंडेशन की ओर से दिए जाने वाले इस पुरस्कार के विजेता के नाम की घोषणा रविवार को दुबई में होनी है। केरल में पैदा सन्नी वार्की के नाम पर दिए जाने वाले इस पुरस्कार को शिक्षा क्षेत्र के ऑस्कर का दर्जा हासिल है। पुरस्कार समारोह में मैथ्यू मैकोनघी, सलमा हयाक, अक्षय कुमार, अभिषेक बच्चन, परीणीति चोपड़ा जैसे सितारे भी मौजूद रहेंगे।
गौरतलब है कि चौरसिया क्रांति नाम से कमाठीपुरा में लड़कियों के लिए स्कूल चलाती हैं। फिलहाल 12 से 21 साल की उम्र की 18 छात्राएं इस स्कूल में पढ़ रही हैं। उनकी योजना अन्य रेड इलाकों में भी स्कूल का विस्तार करने की है। चौरसिया ने पुरस्कार जीतने पर ईनाम की 10 लाख डॉलर (करीब सात करोड़ रुपये) की राशि अन्य दावेदारों के साथ बांटने की इच्छा जताई है।
उन्होंने कहा कि सभी दावेदारों ने अपने-अपने देशों में अभूतपूर्व काम किया है। जिस तरह का लगाव मैं अपने बच्चों के लिए महसूस करती हूं वैसा ही दूसरे शिक्षक भी महसूस करते होंगे। पुरस्कार पाने के अन्य नौ दावेदार शिक्षक ब्रिटेन, अमेरिका, केन्या, फलस्तीन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, जापान और पाकिस्तान से हैं।