चीन को घेरने की अमेरिकी नीति का भारत हो सकता है शिकार
ह्वाइट हाउस के नेशनल ट्रेड काउंसिल के निदेशक पीटर नेवेरो ने बताया कि यह आदेश एंटी डंपिंग, मुद्रा विनिमय और व्यापारिक धोखेबाजी से जुड़ा होगा।
वाशिंगटन, प्रेट्र : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीति का भारत भी शिकार हो सकता है। व्यापारिक घाटा रोकने के लिए वे एक कार्यकारी आदेश जारी करने वाले हैं। माना जा रहा है कि चीन को घेरने की रणनीति के तहत ऐसा किया जा रहा है। लेकिन, इससे भारत, इंडोनेशिया, मलेशिया और वियतनाम जैसे देश भी प्रभावित होंगे। इसका कारण इन सभी देशों से अमेरिका का बड़ा व्यापारिक घाटा है।
ट्रंप यह आदेश ऐसे वक्त में जारी करने जा रहे हैं जब अगले हफ्ते उनकी चीनी समकक्ष शी चिनफिंग से मुलाकात होनी है। ट्रंप ने ट्वीट कर कहा है कि यह बैठक बेहद मुश्किल हो सकती है, क्योंकि अमेरिका अब इतने भारी व्यापार घाटे और नौकरियों के नुकसान को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।
अमेरिकी वाणिज्य मंत्री विलबर रॉस ने बताया कि यह आदेश व्यापारिक घाटे के कारणों की पड़ताल से जुड़ा होगा। आदेश जारी होने के 90 दिन के भीतर वाणिज्य विभाग और अन्य व्यापारिक संगठन नीतियों की समीक्षा कर घाटा कम करने के लिए जरूरी कदमों को लेकर राष्ट्रपति को रिपोर्ट देंगे।
उन्होंने कहा कि यह मामला केवल चीन से जुड़ा नहीं है। यह आदेश उन सभी देशों के लिए होगा जिनके साथ अमेरिका का व्यापार घाटा काफी ज्यादा है। रॉस ने ऐसे 15 देशों के नाम बताए। इनमें भारत भी शामिल है।
ह्वाइट हाउस के नेशनल ट्रेड काउंसिल के निदेशक पीटर नेवेरो ने बताया कि यह आदेश एंटी डंपिंग, मुद्रा विनिमय और व्यापारिक धोखेबाजी से जुड़ा होगा। नियमों का उल्लंघन कर कई देश न केवल अमेरिका को अरबों की चपत लगा रहे हैं, बल्कि अमेरिकियों का रोजगार भी छीन रहे हैं।
गौरतलब है कि एशिया के लगभग सभी देश अमेरिका को भारी-भरकम निर्यात करते हैं। चुनाव प्रचार के दौरान चीन का उल्लेख करते हुए ट्रंप ने जोर-शोर से इस मामले को उठाया था। इससे पहले ट्रंप ने 12 देशों के ट्रंास-पेसिफिक पार्टनरशिप से हटने का फैसला किया था। इस फैसले की मार भी जापान, दक्षिण कोरिया और वियतनाम जैसे एशियाई देशों पर पड़ी थी।
इन पर पड़ेगी मार, देश व्यापार घाटा
- चीन 347
- जापान 68.9
- जर्मनी 64.9
- मेक्सिको 63.2
- आयरलैंड 35.9
- वियतनाम 32
- भारत 24
- (नोट : सभी रकम अरब डॉलर में)
इनका भी उल्लेख
रॉस ने नए कार्यकारी आदेश को लेकर जिन देशों का जिक्र किया उनमें इटली, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, थाइलैंड, फ्रांस, स्विट्जरलैंड, ताइवान, इंडोनेशिया और कनाडा भी शामिल हैं।
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