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'भारत रोहिंग्या मुस्लिमों को जबरन वापस नहीं भेज सकता'

सरकार ने अवैध रूप से रह रहे सभी विदेशी नागरिकों को वापस उनके देश भेजे जाने का निर्देश दिये हैं।

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 06:33 PM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 06:33 PM (IST)
'भारत रोहिंग्या मुस्लिमों को जबरन वापस नहीं भेज सकता'
'भारत रोहिंग्या मुस्लिमों को जबरन वापस नहीं भेज सकता'

न्यूयॉर्क, प्रेट्र : भारत रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थियों को जबरन म्यांमार वापस नहीं भेज सकता। अंतरराष्ट्रीय कानून उसे इस बात की इजाजत नहीं देते। यह बात मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले एक वैश्विक समूह ने कही है। ह्यूमन राइट वाच नाम के संगठन ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू के संसद में दिये बयान पर कही है।

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रिजिजू ने अपने बयान में कहा था कि सरकार ने अवैध रूप से रह रहे सभी विदेशी नागरिकों को वापस उनके देश भेजे जाने का निर्देश दिये हैं। इनमें देश के विभिन्न इलाकों में अवैध रूप से रह रहे 40 हजार रोहिंग्या मुस्लिम भी शामिल हैं।

संस्था की दक्षिण एशिया क्षेत्र के निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने कहा, पड़ोसी देश श्रीलंका, अफगानिस्तान और तिब्बत से आए लोगों को शरण देने व उनकी मदद करने का भारत का लंबा इतिहास है। ऐसे में उसे अपना पुराना व्यवहार बदलना नहीं चाहिए। अंतरराष्ट्रीय कानून भी पीड़ित को मदद देने का पक्षधर है। रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार की अल्पसंख्यक आबादी है, जो वहां पर हो रहे सामुदायिक संघर्ष से बचकर भारत भाग आए हैं।

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