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भारत-अमेरिका ने किया पहला व्यावसायिक परमाणु करार

वाशिंगटन। अमेरिका और भारत के बीच ऐतिहासिक असैनिक परमाणु करार पर हस्ताक्षर के पांच साल बाद दोनों देशों ने इस संबंध में पहला व्यावसायिक करार किया। न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआइएल) और अमेरिकी कंपनी वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक कंपनी के बीच प्रारंभिक व्यावसायिक करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं। भारत अमेरिक

By Edited By: Published: Sat, 28 Sep 2013 09:45 PM (IST)Updated: Sat, 28 Sep 2013 09:47 PM (IST)
भारत-अमेरिका ने किया पहला व्यावसायिक परमाणु करार

वाशिंगटन। अमेरिका और भारत के बीच ऐतिहासिक असैनिक परमाणु करार पर हस्ताक्षर के पांच साल बाद दोनों देशों ने इस संबंध में पहला व्यावसायिक करार किया। न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआइएल) और अमेरिकी कंपनी वेस्टिंगहाउस इलेक्ट्रिक कंपनी के बीच प्रारंभिक व्यावसायिक करार पर हस्ताक्षर किए गए हैं। भारत अमेरिका के एपी-1000 परमाणु रिएक्टर तकनीक का इस्तेमाल कर गुजरात व आंध्र प्रदेश में व्यावसायिक परमाणु ऊर्जा केंद्र स्थापित करना चाहता है। इसके लिए करीब 14 अरब डॉलर की लागत से गुजरात के छाया-मिथिविरदी परमाणु ऊर्जा परियोजना के लिए वेस्टिंगहाउस द्वारा निर्मित छह एपी-1000 परमाणु रिएक्टर खरीदने की योजना है।

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अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने करार की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ ह्वाइट हाउस ओवल कार्यालय में बैठक के बाद एक दिन पहले यह करार हुआ। ओबामा ने कहा, 'हमने असैनिक परमाणु ऊर्जा के मुद्दे पर बहुत प्रगति की है। हम पिछले कुछ दिनों में अमेरिकी कंपनी और भारत के बीच पहला व्यावसायिक करार करने की उपलब्धि हासिल करने में समर्थ रहे हैं।' बाद में ओबामा और मनमोहन ने संयुक्त बयान में कहा कि करार के बारे में कहा कि सरकार से सरकार की प्रक्रिया पर सहमति है। व्यावसायिक मोलभाव की प्रक्रिया जारी है। इस करार के बारे में ह्वाइट हाउस से जारी एक फैक्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि इस करार से भारत में एपी-1000 परमाणु रिएक्टर को लाइसेंस देने की दिशा में प्रगति सरल बननी चाहिए। इसमें कहा गया है कि दोनों देश वैश्विक परमाणु अप्रसार और हथियार नियंत्रण के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। अमेरिका भारत के चार बहुस्तरीय परमाणु निर्यात शासन व्यवस्था परमाणु आपूर्ति समूह , मिसाइल तकनीक नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर), वासेनार करार और आस्ट्रेलिया समूह में चरणबद्ध ढंग से पूर्ण सदस्यता का समर्थन जारी रखे हुए है। अमेरिका के परमाणु नियामक आयोग (एनआरसी) और भारतीय परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) का भी परमाणु सुरक्षा मामलों के बारे में तकनीकी सूचनाएं आदान-प्रदान करने के लिए सहमति पर हस्ताक्षर करने का इरादा है।

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