रुश्दी को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर रोष
भारतीय मूल के बुकर पुरस्कार विजेता सलमान रुश्दी की दो किताबों को पेशावर यूनिवर्सिटी में एमफिल और पीएचडी के लिए अतिरिक्त पाठ्यक्रम के रूप में शामिल किए जाने के प्रस्ताव पर छात्रों और शिक्षकों में खासा रोष जताया है।
इस्लामाबाद। भारतीय मूल के बुकर पुरस्कार विजेता सलमान रुश्दी की दो किताबों को पेशावर यूनिवर्सिटी में एमफिल और पीएचडी के लिए अतिरिक्त पाठ्यक्रम के रूप में शामिल किए जाने के प्रस्ताव पर छात्रों और शिक्षकों में खासा रोष जताया है।
रुश्दी की दो किताबों 'मिडनाइट चिल्ड्रन' और 'शेम' को इंग्लिश एंड एप्लाइड लिंग्विस्टिक्स डिपार्टमेंट द्वारा पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने के प्रस्ताव के विरोध में छात्र यूनिवर्सिटी के परिसर और पेशावर में अन्य जगहों पर विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में है। विभाग के संकाय बोर्ड ने इस किताबों को एमफिल और पीएचडी के अतिरिक्त पाठ्यक्रम में रूप में शामिल किए जाने की मंजूरी दे दी है। अखबार 'द न्यूज' की रिपोर्ट के मुताबिक फैकल्टी ऑफ आर्ट्स एंड ह्यूंमैनिटीज ने एकेडमिक काउंसिल ऑफ यूनिवर्सिटी की मंजूरी के लिए एक प्रस्ताव उन्हें भेज दिया है। रिपोर्ट में कहा गया कि एकाडमिक काउंसिल ने प्रस्ताव को चर्चा किए बिना ही मंजूरी दे दी। छात्र रुश्दी को कुख्यात ईश निंदक के रूप में प्रस्तुत करके विरोध प्रदर्शन करेंगे। इस साल की शुरुआत में भारत में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान ने भाग लेने से सिर्फ इसलिए इन्कार कर दिया था, क्योंकि उसमें रुश्दी भी मौजूद थे।
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