इराक में चार सालों में IS के हमले में अब तक हजार से ज्यादा बच्चों की मौत: रिपोर्ट
यूनिसेफ ने अपनी रिपोर्ट में कहै है कि इराक में करीब 50 लाख बच्चों को आपातकालीन सेवा की जरूरत है।
जेनेवा (आइएएनएस)। युनीसेफ ने इराक में आतंकी समूह आईएस के हमले के बाद वहां के बच्चों के हालात पर एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, इराक में मोसुल समेत बड़े हिस्से पर 2014 में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के कब्जे के बाद से अब तक एक हजार से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। यूनिसेफ ने अपनी रिपोर्ट में कहै है कि इराक में करीब 50 लाख बच्चों को आपातकालीन सेवा की जरूरत है।
इराक में यूनिसेफ के प्रतिनिधि पीटर हॉकिंस ने कहा, 'पूरे इराक में बच्चे लगातार आतंक और हिंसा के गवाह बन रहे हैं। हाल के इतिहास के इस सबसे वीभत्स युद्ध में बच्चे मारे जा रहे हैं, घायल हो रहे हैं, उनका अपहरण हो रहा है और उन्हें हत्या करने पर मजबूर किया जा रहा है।' मोसुल में यूनिसेफ ने ऐसे भी कई मामलों का जिक्र किया है जहां आतंकियों ने अपने कब्जे वाले इलाके से भागने का प्रयास करने वाले परिवारों के बच्चों को मार डाला।
हॉकिंस ने कहा, 'आतंकी अपने प्रभाव वाले इलाकों से परिवारों को भागने से रोकने के लिए बच्चों को ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।' रिपोर्ट में कहा गया है कि इराक में 2014 से अब तक 1,075 बच्चे मारे जा चुके हैं जबकि 1130 बच्चे घायल हुए हैं और 4,650 से ज्यादा बच्चे अनाथ हो गए हैं, या अपने परिजनों से बिछड़ गए हैं। इनमें से 2017 की पहली छमाही में 152 बच्चों की मौत हुई है। और इस अवधि में यहां स्कूलों पर 138 हमले और अस्पतालों पर 58 हमले हुए हैं। 30 लाख से ज्यादा बच्चे नियमित रूप से स्कूल नहीं जा पाते, वहीं 12 लाख बच्चों की पढ़ाई आइएस के कारण ठप्प हो गई है। देश के बहुत से हिस्से संघर्ष का केंद्र बन गए हैं और वहां की आधारभूत संरचना तहस-नहस हो गई है। बच्चों के भविष्य को देखते हुए यूनिसेफ ने वहां तत्काल संघर्ष खत्म करने और मानवीय सहायता की जरूरत पर बल दिया है।
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