अमेरिका को पीछे ले जाएंगी ट्रंप की आव्रजन नीतियां
यही नहीं सिद्धार्थ ने भी अमेरिका में एक संगीतकार, टीवी और फिल्मों के लिए धुनों की रचना करने वाले के रूप में अपनी जगह स्थापित कर ली है।
नई दिल्ली, आइएएनएस: अप्रवासी अमेरिकी समाज की रीढ़ हैं। वे अमेरिकी अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान करते हैं। यह विचार भारतीय-अमेरिकी संगीतकार सिद्धार्थ खोसला ने मंगलवार को लॉस एंजिल्स से दूरभाष पर व्यक्त किया। उनका मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन नीतियों में दूरदर्शिता की कमी है। ये नीतियां देश को पीछे की ओर ले जाएंगी। गायक-संगीतकार सिद्धार्थ के माता-पिता 1976 में अप्रवासी के रूप में अमेरिका गए थे। यही नहीं सिद्धार्थ ने भी अमेरिका में एक संगीतकार, टीवी और फिल्मों के लिए धुनों की रचना करने वाले के रूप में अपनी जगह स्थापित कर ली है।
सिद्धार्थ ने फोन पर बताया, 'मैं सोचता हूं ट्रंप की नीतियां दुर्भाग्यवश एक पीछे ले जाने वाला कदम है। यूरोप, भारत, अफ्रीका और हर दूसरी जगह से आए अप्रवासी लोगों से अमेरिका का निर्माण हुआ है। वे इस देश में आए और इस देश की अर्थव्यवस्था में इतनी बड़ी भूमिका निभाई।
मैं सोचता हूं कि यह महत्वपूर्ण है, जिसके लिए हमें याद रखा जाना चाहिए।' जनवरी में ट्रंप के शुरुआती शासकीय आदेश में सात मुस्लिम बहुल देशों (इरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन) के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि फेडरल जज ने उस शासकीय आदेश पर रोक लगा दी थी।