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भारत में निवेश्‍ा कर देश की विकास यात्रा में बने भागीदार: सुषमा

भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने अपने जर्मनी दाैरे पर वहां बसे भारतीय और गैर-भारतीय नागरिकों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्‍साहित किया है। बर्लिन में भारतीय राजदूत द्वारा आयोजित एक समारोह में उन्‍होंने कहा कि भारत में निवेश कर वह भी भारत में शुरू हुई विकास की

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2015 09:20 AM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2015 10:00 AM (IST)
भारत में निवेश्‍ा कर देश की विकास यात्रा में बने भागीदार: सुषमा

बर्लिन। भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने जर्मनी दाैरे पर वहां बसे भारतीय और गैर-भारतीय नागरिकों को भारत में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया है। बर्लिन में भारतीय राजदूत द्वारा आयोजित एक समारोह में उन्होंने कहा कि भारत में निवेश कर वह भी भारत में शुरू हुई विकास की यात्रा में भागीदार बनें। विदेश मंत्री ने कहा कि विदेशों में भारतीयों को सबसे बेहतर पड़ोसी माना जाता रहा है। भारत को इस पर गर्व है।विदेश मंत्री ने कहा कि जर्मनी में बसे भारतीयों की संख्या काफी है। ऐसे में उन्हें भारत में अधिक से अधिक निवेश करना चाहिए। केंद्र सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि एक वर्ष पूर्व भारत में बनी केंद्र सरकार ने विकास के पथ पर बढ़ते हुए 21 नई पहल की हैं।

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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की इस यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच निवेश को बढ़ाने के अलावा भाषा विवाद को भी खत्म करना है। उनकी इस यात्रा से दोनों देशों के बीच का यह विवाद अब हल होने को है। उम्मीद जताई जा रही है कि अक्टूबर में होने वाली चासंलर एंजेला मर्केल के भारत दौरे के समय इसका ऐलान हो सकता है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की शनिवार को बर्लिन में उनके जर्मन समकक्ष फ्रैंक वाल्टर स्टेनमेयर के साथ मुलाकात के दौरान यह मुद्दा प्रमुखता से उठा तथा दोनों पक्षों ने समाधान को लेकर चर्चा की। फिलहाल दोनों देश अपनी तीन भाषा की नीति को कायम रखते हुए जर्मन को अतिरिक्त भाषा के तौर पर पढ़ाना जारी रखेंगे। जर्मनी में वे संस्कृत एवं दूसरी भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देंगे।

पढ़ें: जर्मनी भाषा पढ़ाने पर सहमति की उम्मीद


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