अफगान सीमा पर पाक ने भेजे भारी तोपखाने
सूफी संत बाबा लाल शहबाज कलंदर की दरगाह पर हमले के बाद अफगानिस्तान सीमा सील करते हुए पाक ने सुरक्षा बढ़ा दी थी।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। पिछले सप्ताह हुए आतंकी हमलों से जगे पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से लगी सीमा पर सुरक्षा और सख्त कर दी है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने सुरक्षा अधिकारियों के हवाले से बताया है कि सेना ने चमन और तोरखाम सीमा पर भारी तोपखाने भेजे हैं। पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने बताया कि आतंकवाद का सफाया करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा प्रबंध बढ़ाए गए हैं। उन्होंने आतंकवाद को पाकिस्तान और अफगानिस्तान का साझा दुश्मन बताया।
गौरतलब है कि सूफी संत बाबा लाल शहबाज कलंदर की दरगाह पर हमले के बाद अफगानिस्तान सीमा सील करते हुए पाक ने सुरक्षा बढ़ा दी थी। गुरुवार को हुए इस हमले में 88 लोगों की मौत हो गई थी और दो सौ ज्यादा घायल हो गए थे। यह पिछले सप्ताह पाक में पांचवां बड़ा आतंकी हमला था। पाकिस्तान इन हमलों के लिए अफगानिस्तान में पनाह लिए आतंकियों को जिम्मेदार बता रहा है।
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उसने शुक्रवार की रात मोहमंद और खैबर कबायली इलाके से सटे अफगान इलाकों में जमात-उल-अहरार के शिविरों को भी निशाना बनाया था। हमले के बाद से पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को राष्ट्रव्यापी अभियान में 130 से ज्यादा आतंकी ढेर हो चुके हैं। 350 से ज्यादा संदिग्ध, जिनमें ज्यादातर अफगानी हैं पकड़े भी गए हैं।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफ्फूर ने बताया कि जनरल बाजवा ने सोमवार को रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की। सीमा पर सुरक्षा उपायों को बढ़ाने के साथ-साथ उन्होंने अफगान सुरक्षा बलों के साथ बेहतर समन्वय और सहयोग के भी निर्देश दिए हैं। आतंकियों की सीमा पार आवाजाही और सभी तरह की गैरकानूनी गतिविधियां रोकने को कहा। इस दिशा में अफगान अधिकारियों की भूिमका की भी उन्होंने सराहना की।
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सेना प्रमुख ने नहीं की भारत की तारीफ
कई दिनों की चुप्पी के बाद पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को अपने प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का वह बयान खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने भारत की तारीफ की थी। सैन्य प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने फेसबुक पर एक बयान पोस्ट करते हुए इसे मीडिया का दुष्प्रचार बताया। अखबार द नेशन ने 12 फरवरी को बताया था कि जनरल बाजवा ने दिसंबर में रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय में शीर्ष अधिकारियों से कहा था कि सेना को सरकार चलाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
भारत का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे बिना सैन्य दखल के लोकतांत्रिक सरकारें काम करती हैं। अधिकारियों को स्टीवन आइ विलकिंसन की किताब 'आर्मी एंड नेशन' पढ़ने की सलाह दी। इस किताब में भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की काफी तारीफ की गई है। इस रिपोर्ट से पाकिस्तान में हंगामा मच गया था।