देखिए उस कमरे को जहां हुआ फेसबुक का जन्म, आज ये हैं 54 बिलियन डॉलर के मालिक
इस वेबसाइट का जन्मस्थान कोई बहुत बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी नहीं बल्कि एक छोटा सा कमरा था।
[स्पेशल डेस्क], नई दिल्ली। 'फेसबुक', दुनिया में गिनती के ही लोग होंगे जो आज इस नाम से वाकिफ न हों। शायद ही किसी ने सोचा था कि 2004 में बनी एक वेबसाइट कुछ ही सालों में दुनिया पर राज करने लगेगी और इसका संस्थापक (मार्क जकरबर्ग) दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में पांचवें नंबर पर आ जाएगा। एक दिलचस्प पहलु ये भी है कि इस वेबसाइट का जन्मस्थान कोई बहुत बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी नहीं बल्कि एक छोटा सा कमरा था।
- 'फेसमैश' से फेसबुक तक का सफर
अमेरिका की प्रतिष्ठित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे मार्क जकरबर्ग ने अक्टूबर 2003 में एक प्रोग्राम तैयार किया था जिसका नाम था फेसमैश। ये छोटी से वेबसाइट कॉलेज के छात्रों को एक दूसरे को जोड़ने के इरादे से बनाई गई थी। जकरबर्ग ने यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर नेटवर्क को हैक करने के बाद छात्रों की तमाम तस्वीरों को इस वेबसाइट पर डाल दिया था और उस समय इस वेबसाइट पर छात्र सिर्फ ये बताते थे कि आखिर किसकी फोटो सबसे शानदार है। शुरुआत के महज 4 घंटों में 450 लोग इससे जुड़ गए थे और 22 हजार लोग तस्वीरें देख चुके थे।
- इस कमरे में हुआ फेसबुक का जन्म
जी हां, ये हार्वर्ड का वही डॉर्म या कमरा है जहां पर जकरबर्ग ने फेसबुक की नींव रख दी थी। हाल में जब हार्वर्ड ने उन्हें मानद उपाधि से सम्मानित करने के लिए बुलाया था तब जकरबर्ग एक बार फिर इस कमरे में पहुंचे और पुराने दिनों को याद करते हुए भावुक हो गए। उस दौरान जब कॉलेज प्रशासन को पता चला था तो उन्होंने जकरबर्ग पर कई पाबंदियां लगा दीं थी लेकिन मार्क थमे नहीं। उन्होंने अपनी इस वेबसाइट पर काम जारी रखा। फिर 2004 में फेसबुक वेबसाइट आधिकारिक रूप से दुनिया के सामने आ गई थी। कई उतार-चढ़ाव आए, युवा जकरबर्ग को धोखे भी मिले, गलत सलाह भी मिलीं और सबने साथ छोड़ दिया लेकिन वो अपनी जिद पर टिके रहे और आज नतीजा दुनिया के सामने है।
- विश्व के पांचवें सबसे अमीर इंसान
आज जकरबर्ग की उम्र महज 33 साल है और वो दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में पांचवें पायदान पर पहुंच चुके हैं। उनकी कुल कमाई तकरीबन 60 बिलियन डॉलर बताई जाती है जबकि उनकी कंपनी 'फेसबुक' की कीमत 400 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा आंकी गई है।
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