आजादी छिनने से टूटने लगा हाफिज, पत्र लिखकर यात्रा प्रतिबंध हटाने की मांग की
सईद ने देश के आंतरिक मंत्री चौधरी निसार अली खान को भेजे पत्र में कहा है कि उसका संगठन जमात-उद-दावा ना कोई आतंकी संगठन है और ना ही देश के लिए खतरा है।
लाहौर, प्रेट्र। मुंबई हमले का मास्टर माइंड और जमात-उद दावा (जेयूडी) चीफ हाफिज सईद आजादी छिनने से टूटने लगा है। हाफिज ने पाकिस्तान सरकार से मांग की है कि यात्रा प्रतिबंध की सूची से उसका नाम हटाया जाए। उसने दलील दी है कि वह न तो सुरक्षा के लिए खतरा है, न ही उसका संगठन किसी आतंकी गतिविधि में शामिल है।
गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान को भेजे खत में हाफिज ने कहा, '30 जनवरी 2017 को 38 लोगों पर लगाया गया प्रतिबंध वापस लिया जाए।' नवाज शरीफ सरकार ने पिछले महीने हाफिज और जमात-उद दावा के 37 अन्य के साथ ही उसकी फलह-ए-इंसानियत संस्था को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाल दिया था। सरकार ने हाफिज और जेयूडी के अन्य चार सदस्यों को 90 दिनों तक नजरबंद करने के भी आदेश दिए थे।
गृह मंत्रालय छह महीने तक इन दोनों सगंठनों की निगरानी भी करेगा। हाफिज ने इस फैसले का विरोध किया है। उसने कहा, 'जेयूडी कभी भी पाकिस्तान में किसी आतंकी गतिविधि में शामिल नहीं रहा है। न ही इस संगठन के खिलाफ किसी भी तरह संपत्ति को नष्ट करने या आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप हैं।'हाफिज ने दलील दी कि संघीय या प्रांतीय सरकारें अदालतों में कभी उसके खिलाफ कोई सुबूत पेश नहीं कर सकी हैं।
अपने समर्थन में उसने लाहौर हाई कोर्ट के 2009 के एक फैसले का उल्लेख किया। अदालत ने कहा था, 'मौजूदा मामले में सरकार के पास इस बात का कोई सुबूत नहीं है कि याचिकाकर्ता पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए खतरा है। केवल संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के आधार पर किसी की आजादी नहीं छीनी जा सकती।'
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