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'ट्रंप प्रशासन को भारत-अमेरिका के बीच संबंध की मजबूती को समझना होगा'

बिस्वाल ने कहा कि नए ट्रंप प्रशासन को भारत-अमेरिका के बीच संबंध की मजबूती को समझना होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका को रिश्ते में लेनदेन वाला रुख अपनाने से बचना होगा।

By Amit MishraEdited By: Published: Sun, 12 Mar 2017 05:22 PM (IST)Updated: Tue, 14 Mar 2017 08:49 AM (IST)
'ट्रंप प्रशासन को भारत-अमेरिका के बीच संबंध की मजबूती को समझना होगा'
'ट्रंप प्रशासन को भारत-अमेरिका के बीच संबंध की मजबूती को समझना होगा'

वाशिंगटन, प्रेट्र। एच-1बी वर्क वीजा से भारत और अमेरिका के बीच तनाव पैदा हो सकता है। ओबामा प्रशासन में सहायक विदेश मंत्री रही निशा देसाई बिस्वाल ने यह आशंका जाहिर की है। उन्होंने इस विषय पर तर्कसंगत बातचीत का आह्वान किया है। उन्होंने उल्लेख किया कि एच-1बी वीजा से हजारों भारतीयों की जिंदगी प्रभावित हो सकती है। बिस्वाल अमेरिकी विदेश विभाग में दक्षिण एवं मध्य एशियाई देशों की प्रभारी थीं।

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बिस्वाल ने ट्रंप प्रशासन के कदम उठाने संबंधी खबरों के बीच उन्होंने यह टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, 'मेरी नजर में एच-1बी का मुद्दा और चारों तरफ होने वाली बयानबाजी संबंध में तनाव का कारण बन सकती है।' खबरों में कहा जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन एच-1बी वीजा के खिलाफ कदम उठाने जा रहा है। इस संबंध में अमेरिकी कांग्रेस में आधे दर्जन बिल पेश किए जा चुके हैं।

बिस्वाल ने जोर देकर कहा, 'हम सभी सहमत हैं कि एच-1बी एक महत्वपूर्ण और आवश्यक प्रोग्राम है। यह अमेरिका और विदेशी कंपनियों को उच्च कौशल वाला कामगार मुहैया कराता है। लेकिन हमें यह भी मानना होगा कि इस प्रोग्राम का बेजा और गलत इस्तेमाल भी होता है।'

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उन्होंने कहा कि कुछ सुधार से प्रोग्राम का गलत इस्तेमाल रोका जा सकता है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रचार के दौरान और उसके बाद गलत तर्क से वह बेहद दुखी हैं। कुछ राजनेताओं और कुछ समुदायों से सुनने को मिल रहा है कि अमेरिका इस प्रोग्राम का गला घोंटने जा रहा है। यह काम कुछ उद्योगों में नौकरी की कमी के नाम पर किया जा रहा है।

 भारत के साथ लेनदेन का रुख न अपनाए अमेरिका

बिस्वाल ने कहा कि नए ट्रंप प्रशासन को भारत-अमेरिका के बीच संबंध की मजबूती को समझना होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका को रिश्ते में लेनदेन वाला रुख अपनाने से बचना होगा। मौजूदा प्रशासन भी पूर्व प्रशासन की तरह ही भारत के साथ अमेरिका के रिश्ते को समझे और देखे।

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