ग्रीस के जनमत संग्रह में होगी कांटे की टक्कर
ग्रीस की जनता अति आवश्यक बेलआउट पैकेज के बदले में ऋणदाताओं के सुधार प्रस्तावों को मंजूर करने या नहीं करने के फैसले पर लगभग आधी-आधी बंट गई है।
एथेंस। ग्रीस की जनता अति आवश्यक बेलआउट पैकेज के बदले में ऋणदाताओं के सुधार प्रस्तावों को मंजूर करने या नहीं करने के फैसले पर लगभग आधी-आधी बंट गई है।
रविवार को होने वाले जनमत संग्रह में यूनानी जनता के इस फैसले की झलक शुक्रवार को इथनोस अखबार में प्रकाशित सर्वे में मिली। एल्को के कराए सर्वे में 'हां' के लिए वोट वाले लोग 41.5 फीसद होंगे, जबकि 'ना' के लिए 40.2 फीसद वोट करेंगे।
ताजा सर्वे के अनुसार 10.9 फीसद जनता अनिर्णय की स्थिति में है। शेष का कहना है कि जनमत संग्रह में भाग नहीं लेंगे या बैलेट पेपर खाली छोड़ देंगे। फिलहाल जो लोग बैलेट पेपर खाली छोड़ने की बात कर रहे हैं वो अगर 'हां' के लिए वोट करेंगे तो इसका कुल प्रतिशत 44.8 होगा और अगर वहीं लोग 'ना' के लिए करेंगे तो 43.4 प्रतिशत होगा। और अनिर्णय वाले लोगों का प्रतिशत 11.8 रहेगा।
यह सर्वे देश भर में 30 जून और एक जुलाई को एक हजार लोगों का इंटरव्यू लेकर किया गया था। उल्लेखनीय है कि ग्रीस के प्रधानमंत्री सिप्रास ने लोगों से ना के लिए वोट करने की अपील की है। ऐसा न होने पर वामपंथी सरकार के इस्तीफा देने की भी संभावना है।
वित्त मंत्री को समझौते की उम्मीद
वित्त मंत्री यानिस वारफाकिफ ने कहा है कि इस बात की '100 प्रतिशत संभावना' है कि रविवार को प्रोत्साहन पैकेज पर जनमत संग्रह होने के बाद एथेंस और उसके अंतरराष्ट्रीय ऋणदाताओं के बीच समझौता हो जाएगा। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि मतपेटी के जरिए 'हां' या 'ना' में परिणाम आने के बाद एक समझौता होगा। यदि 'हां' में परिणाम आता है तो एक खराब समझौता होगा, बैंक एक खराब समझौते के साथ खुलेंगे। यदि 'नहीं' की जीत होती है तो हम एक अन्य समझौता करेंगे जो अधिक व्यवहारिक होगा।
वारफाकिफ ने यूनानवासियों से अपील की कि वे रविवार को होने वाले जनमत संग्रह में ताजा प्रोत्साहन पैकेज के प्रस्ताव की शर्तें नहीं मानने के पक्ष में मतदान करें। यह जनमत संग्रह यूरो क्षेत्र में देश के भविष्य का फैसला कर सकता है।