दादा-दादी, नाना-नानी को अमेरिका ने माना करीबी रिश्तेदार
प्रतिबंधित देशों से वही लोग अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिनका कोई करीबी रिश्तेदार अमेरिका में होगा।
वाशिंगटन, एपी। अमेरिका ने वीजा के लिए परिवार के करीबी रिश्तेदार की परिभाषा का विस्तार किया है। इसमें दादा-दादी, नाना-नानी और अन्य रिश्तेदारों को भी शामिल किया गया है। नए दिशा-निर्देश के तहत छह मुस्लिम बहुल देशों के नागरिक और शरणार्थी अपने संबंधों को प्रमाणित कर अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद ट्रंप सरकार ने पिछले महीने छह मुस्लिम बहुल देशों (ईरान, सीरिया, लीबिया, यमन, सूडान और सोमालिया) के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसके तहत इन प्रतिबंधित देशों से वही लोग अमेरिकी वीजा के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिनका कोई करीबी रिश्तेदार अमेरिका में होगा।
लेकिन तब दादा-दादी, पोता-पोती, नाना-नानी, चाचा-चाची, भतीजा-भतीजी, साला-साली आदि को करीबी रिश्तेदार के दायरे से बाहर रखा गया था। पिछले हफ्ते हवाई के संघीय जज का आदेश आने के बाद विदेश विभाग ने सोमवार को अमेरिकी राजनयिकों को नए दिशा-निर्देश जारी किए। इसके तहत इन छह देशों से अमरिकी वीजा के लिए आने वाले आवेदनों में दादा-दादी, पोता-पोती, भाई-भाभी, चाचा-चाची की पात्रता पर विचार करने को कहा गया है।
विदेश विभाग ने कहा, 'यह फैसला तत्काल प्रभाव से प्रभावी हो गया और हमने अपने दूतावासों और वाणिज्य दूतावासों को वीजा मामलों के निपटारे में विस्तृत परिभाषा के उपयोग का निर्देश दिया है। अमेरिकी डिस्टि्रक्ट जज डेरिक वाटसन ने बीते गुरुवार को फैसला सुनाया था कि दादा-दादी परिवार के करीबी सदस्य हैं।
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