गैस भरे गुब्बारे से पायलटों ने लांघा प्रशांत महासागर
दो साहसी पायलटों ने गैस भरे गुब्बारे में बैठकर प्रशांत महासागर पार कर इतिहास रच दिया है। टू-ईगल नाम से मशहूर अमेरिका और रूस के इन पायलटों ने गुब्बारे के जरिये 10,696 किमी की यात्रा कर पिछला रिकॉर्ड (8,383 किलोमीटर) तोड़ दिया।
वाशिंगटन। दो साहसी पायलटों ने गैस भरे गुब्बारे में बैठकर प्रशांत महासागर पार कर इतिहास रच दिया है। टू-ईगल नाम से मशहूर अमेरिका और रूस के इन पायलटों ने गुब्बारे के जरिये 10,696 किमी की यात्रा कर पिछला रिकॉर्ड (8,383 किलोमीटर) तोड़ दिया।
नेशनल एयरोनॉटिक्स एसोसिएशन और फेडरेशन एयरोनॉटिक इंटरनेशनल अब उनके इस कारनामे को प्रमाणित करेगा, जिसके बाद ही इसे विश्व रिकॉर्ड के तौर पर दर्ज किया जाएगा। ट्रॉय ब्रेडले (न्यू मैक्सिको, अमेरिका) और लियोनिड त्युख्तएव (रूस) ने दक्षिणी जापान के सागा से 25 जनवरी को उड़ान भरी थी। छह दिन, 16 घंटे और 38 मिनट की यात्रा के बाद हीलियम गैस से भरा यह गुब्बारा मैक्सिको के बजा कैलिफोर्निया सर राज्य में उतरा।
अभियान के आयोजनकर्ता समूह की प्रवक्ता किम वेजली ने बताया कि दोनों पायलटों ने नियंत्रित तरीके से समुद्र में गुब्बारे को उतारा। उन्होंने कहा, 'हम यह बताना चाहते हैं कि विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए निर्धारित मानकों में जल की सतह पर लैंडिंग भी मान्य है।' दोनों ने 1981 में गुब्बारे द्वारा तय की गई दूरी का रिकॉर्ड तोड़ा है। वर्ष 1978 में तकरीबन 137 घंटे तक हवा रहने का रिकॉर्ड भी इस अभियान में टूट गया। पहले यह रिकॉर्ड अटलांटिक महासागर पार कर बनाया गया था। उल्लेखनीय है कि इस अभियान में उड़ान भरने के लिए सिर्फ हीलियम गैस का ही इस्तेमाल किया गया, गर्म हवा या हवा से हल्की गैसों का नहीं।
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