आइएस का मिलकर सफाया करेंगे फ्रांस अौर रूस
फ्रांस और रूस मिलकर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) का सफाया करेंगे। इस संबंध में मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके फ्रांसीसी समकक्ष फ्रांस्वा ओलांद के बीच गुरुवार को हुई चर्चा में सहमति बनी।
पेरिस। फ्रांस और रूस मिलकर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) का सफाया करेंगे। इस संबंध में मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके फ्रांसीसी समकक्ष फ्रांस्वा ओलांद के बीच गुरुवार को हुई चर्चा में सहमति बनी। इसके अनुसार दोनों देश खुफिया सूचनाएं साझा करेंगे और सैन्य अधिकारी रणनीति को लेकर आपस में चर्चा करेंगे। फ्रांस के बताए गए विद्रोही समूहों को रूस निशाना भी नहीं बनाएगा।
फ्रांस के विदेश मंत्री लॉरेन्ट फेबियस ने शुक्रवार को बताया कि पुतिन ने उन जगहों के बारे में जानकारी मांगी है जहां आइएस के खिलाफ लड़ रहे विद्रोही समूहों का नियंत्रण है। उन्होंने कहा कि पुतिन ने ऐसे इलाकों में हवाई हमले नहीं करने का भरोसा दिलाया है। सितंबर के अंत में सीरिया में रूसी हवाई हमलों की शुरुआत के बाद से ही पश्चिमी देश आइएस की बजाय सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ संघर्षरत विद्रोही समूहों को निशाना बनाने के आरोप रूस पर लगाते रहे हैं।
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..इसलिए आए साथ
13 नवंबर को आइएस ने पेरिस में छह जगहों पर हमले किए थे। इन हमलों में 130 लोगों की मौत हो गई थी। हमलों के बाद फ्रांस ने आइएस के खिलाफ हवाई हमले तेज कर दिए हैं। साथ ही ओलांद इस लड़ाई में कई देशों से मदद मांग चुके हैं। दूसरी ओर, 31 अक्टूबर को आइएस ने मिस्र में रूस का एक यात्री विमान मार गिराया था। इस घटना में 224 लोगों की मौत हो गई थी।
प्राथमिकता
फेबियस ने बताया कि दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि उनका एक ही एजेंडा है और वह है आइएस का सफाया। अगले कुछ हफ्तों में दोनों देशों की प्राथमिकता रक्का को आइएस के चंगुल से मुक्त कराना होगा। साथ ही आतंकी संगठन के तेल कारोबार के ढांचे को भी निशाना बनाया जाएगा। रक्का आइएस की स्वयंभू खिलाफत की राजधानी है, वहीं तेल की कालाबाजारी उसकी आय का मुख्य स्रोत है।
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मतभेद
सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद को लेकर दोनों देशों के रुख में कोई बदलाव नहीं हुआ है। बातचीत के दौरान पुतिन ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में असद को एक स्वाभाविक साझीदार बताया, वहीं ओलांद ने कहा कि सीरिया के भविष्य में असद के लिए कोई स्थान नहीं है।
जमीनी कार्रवाई पर विचार
सीरिया में आतंकियों के खिलाफ जमीनी कार्रवाई शुरू करने पर भी फ्रांस विचार कर रहा है। फेबियस ने जल्द ही सीरिया में विशेष बलों की तैनाती के संकेत दिए हैं। इस संबंध में बुधवार को ओलांद ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से भी चर्चा की थी। अमेरिका पहले ही विशेष बलों की तैनाती का आदेश दे चुका है।