ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाली चार नई गैसों की खोज
ओजोन संरक्षण की कोशिशों को एक बड़ा झटका लगा है। वैज्ञानिकों ने पर्यावरण में मानव निर्मित चार नई गैसों की पहचान की है जो ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने में योगदान दे रही हैं। नवीनतम खोजी गई इन गैसों में दो की वृद्धि दर वैज्ञानिकों के बीच चिंता पैदा कर रही है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया
लंदन। ओजोन संरक्षण की कोशिशों को एक बड़ा झटका लगा है। वैज्ञानिकों ने पर्यावरण में मानव निर्मित चार नई गैसों की पहचान की है जो ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने में योगदान दे रही हैं।
नवीनतम खोजी गई इन गैसों में दो की वृद्धि दर वैज्ञानिकों के बीच चिंता पैदा कर रही है। ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया के वैज्ञानिकों के नए शोध से पता चला है कि 74 हजार टन तीन नई क्लोरा फ्लोरा कार्बन (सीएफसी) और एक नई हाइड्रो क्लोरा फ्लोरा कार्बन (एचसीएफसी) गैसें पर्यावरण में छोड़ी गई। यूईए के स्कूल ऑफ इंवायरमेंटल साइंसेज के मुख्य शोधकर्ता डॉ. जोहानिस लाबे ने कहा कि हमारे शोध से प्रकट होता है कि चारों गैसें 1960 तक पर्यावरण में मौजूद नहीं थीं। इससे पता चलता है कि ये मानव निर्मित हैं। उन्होंने कहा कि पहचानी गई नई गैसें ओजोन परत के विनाश में योगदान दे रही हैं जो चिंता की बात है।
पढ़ें : ओजोन परत पहले जैसी होने में लगेंगे 40 साल
वैज्ञानिकों ने मौजूदा हवा और ध्रुवीय फर्न बर्फ में फंसी हवाओं के नमूनों के बीच तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर यह खोज की है। दरअसल ध्रुवीय फर्न बर्फ एक शताब्दी पहले के प्राकृतिक वातावरण को मुहैया कराती है। उन्होंने प्रदूषणरहित तस्मानिया में 1978 और 2012 के बीच इकट्ठा की गई हवा के नमूनों को भी परखा। इससे पता चलता है कि चारों नई गैसें हाल में ही पर्यावरण में छोड़ी गई हैं और इनमें दो में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। यह शोध नेचर जियोसाइंस जर्नल में प्रकाशित की गई है।