तालिबान से शांति वार्ता शुरू करने को फिर जुटे चार देश
तालिबान के साथ शांति वार्ता शुरू करने के तौर तरीके तय करने के लिए पाकिस्तान में एक बार फिर से चार देशों के प्रतिनिधि जुटे हैं।
इस्लामाबाद । तालिबान के साथ शांति वार्ता शुरू करने के तौर तरीके तय करने के लिए पाकिस्तान में एक बार फिर से चार देशों के प्रतिनिधि जुटे हैं। पाकिस्तान, अफगानिस्तान के अलावा अमेरिका और चीन भी इसमें शामिल है। मुल्ला उमर की मौत की खबर के बाद पिछले साल तालिबान के साथ बातचीत का सिलसिला थम गया था।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने शनिवार को अफगान सरकार और तालिबान से बातचीत का खाका तैयार होने की उम्मीद जताई है। शांति वार्ता का उद्देश्य अफगानिस्तान में15 साल से चले रहे हिंसक संघर्ष को समाप्त करना है। अजीज ने कहा, 'हमें पूरा विश्वास है कि इससे अफगानिस्तान में जारी हिंसा में कमी आएगी। बातचीत की प्रक्रिया को पटरी पर रखने के लिए पुरजोर प्रयास जारी रखेंगे।' जनवरी में तालिबान ने शांति वार्ता में शामिल होने के लिए कई शर्ते रख दी थीं।
इन शर्तों में संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित सूची से तालिबान को हटाना, आतंकियों को रिहा करना और उसके कतर ऑफिस को राजनीतिक कार्यालय का दर्जा देना आदि शामिल था। अफगान सरकार के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला पहले ही तालिबान के कुछ गुटों के बातचीत में शामिल होने की उम्मीद जता चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस आतंकी संगठन के कुछ गुट ¨हसा को छोड़कर बातचीत की मेज पर आने को इच्छुक हैं।