लीबिया में दो भारतीय समेत पांच विदेशी आइएस के चंगुल से मुक्त
लीबिया में दो भारतीय समेत पांच विदेशियों को आइएस के चंगुल से मुक्त करा लिया गया है।
सिर्ते, रायटर। लीबियाई सेना ने दो भारतीय समेत पांच विदेशी नागरिकों को इस्लामिक स्टेट (आइएस) के चंगुल से आजाद कराया है। आतंकी गुट को सिर्ते से खदेड़ने के लिए इन दिनों व्यापक सैन्य अभियान छेड़ा गया है। सीरिया के रक्का और इराक के मोसुल के बाद सिर्ते आइएस का तीसरा सबसे बड़ा गढ़ है।
लीबिया के पूर्व तानाशाह मुअम्मर गद्दाफी और विद्रोही गुटों में टकराव का फायदा उठाते हुए आइएस ने एक साल पहले सिर्ते पर कब्जा कर लिया था। स्थानीय अधिकारी रिदा इसा के मुताबिक मुक्त कराए गए लोगों में भारत और तुर्की के दो-दो तथा एक बांग्लादेशी नागरिक हैं। उन्हें कब और कहां से अगवा किया गया था, इसकी जानकारी नहीं दी गई है।
सिर्ते में कई तेल क्षेत्र हैं, जहां विदेशी कर्मचारी काम करते हैं। मई 2015 में आइएस ने चेक गणराज्य, ऑस्टि्रया और बांग्लादेश के एक-एक नागरिक का अपहरण कर लिया था। पिछले साल फरवरी में मिस्त्र के ईसाई समुदाय के कई लोगों का सिर कलम कर दिया गया था।
लड़ाकों ने बताया कि आइएस सिर्ते के आखिरी जिले को बचाने के लिए जबरदस्त प्रतिरोध कर रहा है। आतंकियों के घरों में और छतों पर घात लगाकर बैठे होने के कारण सेना को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र समर्थित लीबिया सरकार और मिसराता के विद्रोही लड़ाके शहर के चारों तरफ से एक साथ सैन्य अभियान चला रहे हैं। सेना टैंक का भी इस्तेमाल कर रही है। अमेरिकी हवाई हमले से भी मदद मिल रही है। अधिकारियों के मुताबिक गुरुवार के संघर्ष में 20 आतंकियों को ढेर कर दिया गया था। आतंकी गुट अब महज एक वर्ग किलोमीटर के दायरे में सिमट कर रह गया है।