पहली बार लैब में विकसित किया दो हफ्ते का मानव भ्रूण
लैब के जरिए वैज्ञानिकों ने पहली बार दो हफ्ते का मानव भ्रूण विकसित किया है। इस सफलता के बाद कृत्रिम गर्भाधान के उपचार में मदद मिलेगी।
लंदन, रायटर : वैज्ञानिकों ने पहली बार मां से अलग दो हफ्ते के भ्रूण को विकसित किया है। इस सफलता से मानव जिंदगी की शुरुआती अवस्था के बारे में जानकारी मिल पाएगी।
इससे पहले वैज्ञानिक लैब में विकसित सात दिन के मानव भ्रूण का ही अध्ययन कर पाते थे। भ्रूण को बचाने और विकसित होने के लिए सातवें दिन मां के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता था। कल्चर विधि का प्रयोग करते हुए वैज्ञानिकों के दल ने घंटे-घंटे निगरानी कर भ्रूण को विकसित होते देखा और ऐसा 13 दिनों तक चला। पहले इस विधि के जरिये चूहे के भ्रूण को मां से अलग विकसित किया गया था। यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज की प्रोफेसर और इस परीक्षण की सह-नेता मैगडलेना जेरनिका-गेट्ज ने कहा कि यह मानव के विकास का सबसे रहस्यमय चरण होता है। इसी अवस्था में शरीर का मूल आकार तय होता है।
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शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस सफलता से इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (आइवीएफ) यानी कृत्रिम गर्भाधान के उपचार को बेहतर करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा यह प्रजनन संबंधी दवा के क्षेत्र में प्रगति में भी सहायक होगा। हालांकि इस शोध पर अंतरराष्ट्रीय कानून को लेकर सवाल उठता है। कानून में 14 दिन से अधिक के मानव भ्रूण पर प्रतिबंध है।