सफल रही मादा भालू 'चंपा' की ब्रेन सर्जरी
लंदन। मनुष्यों की ब्रेन सर्जरी के बारे में तो आपने कई बार सुना होगा लेकिन अपनी तरह का यह पहला मामला है जबकि किसी जानवर की ब्रेन सर्जरी की गई है।
लंदन। मनुष्यों की ब्रेन सर्जरी के बारे में तो आपने कई बार सुना होगा लेकिन अपनी तरह का यह पहला मामला है जबकि किसी जानवर की ब्रेन सर्जरी की गई है।
उत्तरी लाओस में चंपा नाम की एक मादा भालू की सफल ब्रेन सर्जरी की गई है। छह घंटे की सर्जरी के बाद उसकी हालत पहले से कहीं बेहतर है। दरअसल उत्तरी लाओस में बौद्ध परंपरा के अनुसार किसी भी जानवर को यूं ही बीमारी से मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता। पहाड़ियों में स्थित एक वनविहार फ्री द बीयर्स में रहने वाली चंपा अभी महज तीन साल की ही है। बचपन से बीमारी के चलते वह अक्सर अपने समूह या फिर दूसरे भालुओं से अलग रहती थी क्योंकि तालमेल बिठा पाने में उसे कठिनाई होती थी। धीरे-धीरे यह समस्या बढ़ती ही गई। फ्री द बीयर्स सेंचुरी के स्टाफ ने जब गौर किया तो पाया कि चंपा की हालत ठीक नहीं है। परीक्षण में पता चला कि उसे हाइड्रोसेफलस [दिमाग में पानी हो जाना] है। इससे हर समय माइग्रेन जैसा दर्द बना रहता है।
नेशनल जियोग्राफिक की रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी देशों में ऐसी हालत में जानवरों को छोड़ दिया जाता है वहीं बौद्ध परंपराओं और वन्य जीव संरक्षण नियमों के चलते चंपा का इलाज संभव हुआ। स्कॉटलैंड में एडिनबर्ग चिड़ियाघर में काम करने वाले दक्षिण अफ्रीकी सर्जन पिजी ने फरवरी में इस एशियाई मादा भालू की सर्जरी की।
फ्री द बीयर्स के कार्याधिकारी मैट हंट ने बताया कि सर्जरी के बाद वह बिल्कुल नई नजर आ रही है। एशियाई भालुओं को संरक्षित प्रजाति की श्रेणी में रखा गया है। चीन और कोरिया में इनकी तस्करी का बाजार काफी बड़ा है।
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