'ट्रेंडिंग टॉपिक्स' में राजनीतिक भेदभाव के आरोप को फेसबुक ने नकारा
फेसबुक ने ट्रेंडिंग टॉपिक्स पर राजनीतिक भेदभाव के आरोपो को एक सिरे से खारिज कर दिया है।
सेन फ्रांसिस्को, रायटर। कंजरवेटिव (पुरातनपंथी) समाचारों को रोकने का आरोप लगने के बाद फेसबुक ने सोमवार से अपने 'ट्रेंडिंग टॉपिक्स' सेक्शन में कुछ प्रक्रियागत बदलाव किए हैं। साथ ही कंपनी ने इस आरोप की सच्चाई से इन्कार किया है।
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माह की शुरुआत में फेसबुक के एक पूर्व कांट्रेक्टर ने आरोप लगाया था कि कंपनी के संपादक जान बूझकर कंजरवेटिव समाचारों को रोक रहे हैं। इस आरोप को तकनीकी समाचारों की बेवसाइट 'गिजमोडो' पर प्रदर्शित किया गया था, लेकिन उसने पूर्व कांट्रेक्टर की पहचान उजागर नहीं की थी। इस खबर के बाद रिपब्लिकन सांसद जॉन थुने ने कंपनी को पत्र लिखकर 'ट्रेंडिंग टॉपिक' के लिए समाचारों की चयन प्रक्रिया की जानकारी मांगी थी। थुने के पत्र के दो दिन बाद फेसबुक ने ब्लॉगपोस्ट पर इसकी पूरी प्रक्रिया प्रकाशित की है।
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कंपनी का कहना है कि उसकी आंतरिक जांच में इस तरह का कोई साक्ष्य नहीं मिला कि 'ट्रेंडिंग टॉपिक्स' के लिए खबरों के चयन में किसी तरह का राजनीतिक भेदभाव बरता जाता है। फेसबुक ने कहा कि ट्रेंडिंग टॉपिक्स की लिस्ट में कंजरवेटिव और लिबरल दोनों से संबंधित समाचारों को लगभग बराबर जगह मिलती रही है। फेसबुक का 'ट्रेंडिंग टॉपिक्स' फीचर मुख्य 'न्यूज फीड' से अलग है।
दुनिया के इस सबसे बड़े सोशल नेटवर्क ने ब्लॉगपोस्ट में कहा कि किसी भी तरह के वैचारिक और राजनीतिक भेदभाव से बचने के लिए वह कई बदलाव कर रहा है जिसमें स्वीकृत वेबसाइट्स की टॉप टेन लिस्ट को खत्म करना शामिल है। इसके अलावा संपादकों को साफ दिशानिर्देश और ज्यादा प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।