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ब्रिटेन के जाने के बाद अब 'ENGLISH' भी हो जाएगी EU से 'दफा'

ब्रिटेन के ईयू से बाहर होने के बाद अब इससे इग्लिश लैंग्‍वेज को भी बाहर का रास्‍ता दिखाया जा सकता है। ईयू में शामिल किसी भी देश की प्राइमरी लैग्‍वेज इंग्लिश नहीं है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2016 04:58 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2016 05:57 PM (IST)
ब्रिटेन के जाने के बाद अब 'ENGLISH' भी हो जाएगी EU से 'दफा'

लंदन। यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन के बाय-बाय कहने के बाद अब इससे इंग्लिश लैंग्वेज भी बाहर हो सकती है। इसकी वजह भी ब्रिटेन ही ही है। दरअसल र्इयू में बचे 27 देशों में कोई ऐसा देश नहीं है जिसने यहां पर अपनी प्राइमरी लैंग्वेज इंग्लिश दर्ज करवाई हुई हो। लिहाजा इस बात के काफी चांस हैं कि यूरोपियन यूनियन से इंग्लिश को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए।

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ब्रिटेन के ईयू से बाहर जाने से पहले इंग्लिश इसकी सबसे पहली च्वाइस हुआ करती थी। लेकिन अब जबकि ब्रिटेन इससे बाहर हो गया है तो इंग्लिश के यहां पर बैन होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। पॉलिश के मैंबर ऑफ पार्लियामेंट डनूटा हबनर ने ब्रसेल्स में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि ईयू में शामिल सभी देशों को अपनी प्राइमरी लैंग्वेज के बारे में यहां बताना होता है। डनूटा ईयू पार्लियामेंट कंस्टीट्यूशनल अफेयर्स कमेटी के प्रमुख भी हैं।

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उनके मुताबिक ईयू में आइरिश ने गेलिक और माल्टिज ने माल्टिज लैंग्वेज को अपनी प्राइमरी लैंग्वेज दर्ज कराया है। उनके मुताबिक ब्रिटेन ने ही केवल यहां पर इग्लिश को अपनी प्राइमरी लैंग्वजे के तौर पर दर्ज करवाया हुआ था। हालांकि उन्होंने यह भी माना कि आयरलैंड और माल्टा में इंग्लिश उनकी रोजमर्रा की भाषा है। वहीं र्इयू के अधिकारी भी इसका काफी इस्तेमाल करते आए हैं। लेकिन यदि ब्रिटेन ही नहीं है तो इंग्लिश का भी यहां क्या काम।

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उनके मुताबिक इस लैंग्वेज को ईयू से हटाने और बदलने के लिए सभी 27 सदस्य देशों के बीच वोटिंग करवाई जाएगी जिसके बाद इस पर फैसला लिया जाएगा। ईयू की फिलहाल 24 ऑफिशियल लैंग्वेज हैं, जो उनके रोजाना के काम का हिस्सा बनती हैं। ईयू के मंत्री इंग्लिश के साथ-साथ जर्मन और फ्रेंच का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा अधिकतर यूरोपियन देशों में इंग्लिश ही बोली जाती है। इसके बाद भी फ्रेंज के नेताओं ने इसका ईयू से प्रभाव खत्म करने की मांग की है।


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