ग्लोबल वार्मिग में गिरावट के बावजूद गर्म रहेगी धरती
वाशिंगटन। ग्लोबल वार्मिग की दर में हालिया गिरावट के बावजूद पृथ्वी की जलवायु इस शताब्दी के दौरान पूर्व अनुमानों के अनुसार गर्म होती रहेगी। नासा के एक नए अध्ययन में आगाह किया गया है। इस अनुसंधान में एक नए और विस्तृत तरीके से पृथ्वी की जलवायु की संवेदनशीलता से लेकर कारकों की गणना की गई है जोकि बदलाव का कारण बनते ह
वाशिंगटन। ग्लोबल वार्मिग की दर में हालिया गिरावट के बावजूद पृथ्वी की जलवायु इस शताब्दी के दौरान पूर्व अनुमानों के अनुसार गर्म होती रहेगी। नासा के एक नए अध्ययन में आगाह किया गया है।
इस अनुसंधान में एक नए और विस्तृत तरीके से पृथ्वी की जलवायु की संवेदनशीलता से लेकर कारकों की गणना की गई है जोकि बदलाव का कारण बनते हैं जैसे ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन आदि। न्यूयॉर्क में नासा के गोडार्ड इंस्टीट्यूट फॉर स्पेस स्टडीज के जलवायु वैज्ञानिक ड्रियू शिंडेल ने पाया कि पृथ्वी शायद अनुमानों की तुलना में लगभग 20 फीसद अधिक गर्म महसूस करेगी। यह बड़े पैमाने पर पिछले 150 सालों के दौरान सतह के तापमान निरीक्षण पर आधारित है। शोधकर्ताओं का कहना है कि 1951 से 0.12 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक की दर से वैश्विक तापमान बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि लेकिन 1998 से गर्मी की दर मात्र 0.05 डिग्री सेल्सियस प्रति दशक है। जबकि वायुमंडलीय कार्बन डाईऑक्साइड की दर में वृद्धि पिछले दशकों के समान जारी है। हाल के शोध से संकेत मिलता है कि पृथ्वी पूर्व के विचारों की तुलना में ग्रीनहाउस गैस में वृद्धि को लेकर कम संवेदनशील हो सकती है। इस शोध का प्रकाशन नेचर क्लाइमेट चेंज जर्नल में किया गया है।