झटकों से सहमे मरीज अस्पताल के बाहर करा रहे इलाज
नेपाल में भूकंप के झटकों से मरीज इस कदर डरे हुए हैं कि अस्पताल के अंदर भी नहीं जाना चाह रहे हैं। गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी लोग खुले आसमान के नीचे टेंट में उपचार कराना बेहतर समझ रहे हैं।
काठमांडू । नेपाल में भूकंप के झटकों से मरीज इस कदर डरे हुए हैं कि अस्पताल के अंदर भी नहीं जाना चाह रहे हैं। गंभीर रूप से घायल होने के बाद भी लोग खुले आसमान के नीचे टेंट में उपचार कराना बेहतर समझ रहे हैं।
75 साल के केदार प्रसाद श्रीवास्तव के पेट की सर्जरी होनी थी। शनिवार के बाद से लगातार आ रहे भूकंप के झटकों के डर से उन्होंने अस्तपाल के अंदर इलाज कराने से इंकार कर दिया। उनका अब काठमांडू मेडिकल कॉलेज के बाहर टेंट में इलाज चल रहा है। बारिश, मच्छर और ठंड होने बाद भी मरीज अस्पताल के अंदर जाने से बच रहे हैं। ज्यादातर घायलों का इलाज अस्पताल के बाहर टेंट में ही हो रहा है।
डॉ. सजिप्ता पंथ के मुताबिक, 'मरीजों को अस्पताल के भीतर शिफ्ट करने को कहा गया था, लेकिन उन लोगों ने अंदर इलाज कराने से साफ मना कर दिया। मरीजों के साथ अस्पताल के डॉक्टर भी भूकंप के लगातार झटकों से भयभीत हैं।' एक और चिकित्सक मनोज शाह का कहना है कि हम कर भी क्या सकते हैं। अगर हमें मरीजों का इलाज करना है तो हमें सुरक्षित रहना होगा। शुरुआत के दो दिनों तक अस्पताल के भीतर मरीजों का इलाज किया गया, लेकिन अब मोबाइल ऑपरेशन थियेटर में इनका उपचार हो रहा है।
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