ग्वांतनामो से 122 कैदियों को छोड़ना ओबामा का था खौफनाक फैसला
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके पूर्व राष्ट्रपति के उस फैसले की निंदा की है जिसमें उन्होंने ग्वांतनामो जेल से 122 कैदियों को रिहा किया था।
वाशिंगटन (पीटीआई)। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पूर्ववर्ती बराक ओबामा के उस फैसले की निंदा की है जिसमें उन्होंने ग्वांतनामो जेल से 122 कैदियों को रिहा किया था। ट्रंप ने उसे ओबामा का खौफनाक फैसला करार दिया है। ग्वांतनामो जेल अमेरिका की वह अति सुरक्षित जेल है जिसमें आतंकवादी और गंभीर अपराधों के मुजरिम रखे जाते हैं। ट्रंप ने ट्वीट करके कहा कि ओबामा ने इस फैसले ने 122 अपराधियों को फिर से अपराध की दुनिया में वापस भेज दिया।
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सियान स्पाइसर के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रंप जानते हैं कि ग्वांतनामो जेल में रह रहे कैदियों से अमेरिका को कितना बड़ा खतरा है। वहां से निकलने के बाद अपराधी वापस अपने धंधों में लौट जाते हैं, राष्ट्रपति इस वास्तविकता को जानते हैं। इसीलिए उन्होंने अपनी चिंता लोगों से साझा की है। इससे पहले के राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कैदियों को रिहा करने के फैसले का बचाव करते हुए प्रेस सचिव ने कहा, कुछ ऐसे मामले होते हैं जिन पर मानवता के आधार पर फैसला लिया जा सकता है।
बुश प्रशासन ने उसी के अनुसार फैसला लिया था। जबकि ओबामा प्रशासन का फैसला अलग तरह का था। इसमें प्राथमिकता अपराधियों से जेल को खाली कराने की थी जिससे जेल को बंद किया जा सके। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति के तौर पर ओबामा की प्रबल इच्छा थी कि कैदियों के उत्पीड़न के लिए बदनाम हो चुकी ग्वांतनामो जेल बंद की जाए लेकिन संसद के विरोध के चलते वह इच्छा पूरी नहीं कर पाए।
ट्रंप ने पद संभालने के बाद ही साफ कर दिया कि वह इस जेल को बंद करने के कतई इच्छुक नहीं हैं। यह जेल काम करती रहेगी। इस जेल की स्थापना अमेरिकी भूभाग से दूर क्यूबा के नजदीक ग्वांतनामो खाड़ी में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति बुश ने सन 2002 में कराई थी।
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