अमेरिका में श्वेतों-अश्वेतों के बीच बढ़ी दूरी
अमेरिका में रंगभेद की खाई चौड़ी होती जा रही है। एक हालिया सर्वे के मुताबिक आधे के करीब अमेरिकी मानते हैं कि देश में रंगभेद बढ़ा है। यह तस्वीर ऐसे समय में सामने आई है जब पिछले कई सालों से अमेरिका का राष्ट्रपति एक अश्र्वेत है।
वाशिंगटन। अमेरिका में रंगभेद की खाई चौड़ी होती जा रही है। एक हालिया सर्वे के मुताबिक आधे के करीब अमेरिकी मानते हैं कि देश में रंगभेद बढ़ा है। यह तस्वीर ऐसे समय में सामने आई है जब पिछले कई सालों से अमेरिका का राष्ट्रपति एक अश्र्वेत है।
23 साल बाद
सीबीएस न्यूज और न्यूयॉर्क टाइम्स के सर्वे के मुताबिक 10 में से छह अमेरिकी मानते हैं कि नस्ली संबंध बिगड़े हैं। 1992 में लॉस एंजिलिस में हुए दंगे के बाद पहली बार ऐसा देखने को मिला है। यह सर्वे 30 अप्रैल से तीन मई के बीच किया गया था। इसी दौरान बाल्टीमोर में पुलिस हिरासत में एक अश्र्वेत युवक की मौत को लेकर हाल के वर्षो की सबसे बड़ी हिंसा देखने को मिली थी।
सर्वे के बोल
-79 फीसद अफ्रीकी-अमेरिकी मानते हैं कि पुलिस श्र्वेतों के मुकाबले अश्र्वेतों पर ज्यादा घातक बल का प्रयोग करती है।
- 53 फीसद श्र्वेत मानते हैं कि पुलिस कार्रवाई में रंग की कोई भूमिका नहीं होती।
-रंगभेद बढ़ने की बात मानने वाले अमेरिकी पिछले साल के मुकाबले 23 फीसद बढ़े हैं।
-सालभर में श्र्वेतों की धारणा में ज्यादा बदलाव हुआ है। पिछले साल के 35 फीसद श्वेत नागरिकों के मुकाबले इस बार 62 फीसद ने माना कि नस्ली संबंध खराब हुए हैं।
-हर वर्ग के बहुसंख्यकों का मानना है कि स्थानीय पुलिस उन्हें सुरक्षा का एहसास कराती है।
-पुलिस को लेकर युवाओं की धारणा बुजुर्गो के मुकाबले ज्यादा नकारात्मक है।
अन्याय और बेबसी की भावना से बढ़ रहे प्रदर्शन : ओबामा
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का मानना है कि इंसाफ नहीं मिलने के डर से हाल के समय में अमेरिकी शहरों में अश्र्वेतों का प्रदर्शन देखने को मिला है। उन्होंने न्यूयॉर्क में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि आंकड़े बताते हैं कि अश्र्वेतों से कानून प्रवर्तन एजेंसियां अलग तरीके से पेश आती हैं। अन्याय और बेबसी की इसी भावना के कारण इस तरह के प्रदर्शन बढ़ते जा रहे हैं।
पढ़ें: अमेरिका में पुलिसकर्मी को मारी गोली, संदिग्ध गिरफ्तार