अफगानिस्तान में रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख का इस्तीफा
राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रक्षा मंत्री अब्दुल्ला हबीबी और सेना प्रमुख कदम शाह शाहीम का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
काबुल, रायटर। मजार-ए-शरीफ सैन्य छावनी पर हुए आतंकी हमले के बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने रक्षा मंत्री अब्दुल्ला हबीबी और सेना प्रमुख कदम शाह शाहीम के इस्तीफे स्वीकार कर लिये हैं। अफगानिस्तान में पिछले हफ्ते छावनी पर तालिबान का सबसे बड़ा हमला हुआ था जिसमें 140 सैनिक को जान गंवानी पड़ी थी।
सोमवार को खोस्त प्रांत में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे पर हमले की खबर है। प्रवेश द्वार पर कार बम से हुए इस हमले में कई अफगान सुरक्षाकर्मी मारे गए लेकिन किसी अमेरिकी या गठबंधन देश के सैन्यकर्मी को कोई नुकसान होने की खबर नहीं है। यह हमला अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के अचानक हुए अफगानिस्तान दौरे के कुछ घंटे बाद हुआ है।
रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख के इस्तीफे स्वीकार किये जाने की सूचना राष्ट्रपति महल ने ट्विटर के जरिये दी है। पिछले हफ्ते शुक्रवार को हुई घटना में बड़ी सुरक्षा चूक के चलते तालिबान के दस आतंकी सेना की वर्दी में छावनी के भीतर घुस गए थे और इसके बाद उन्होंने मस्जिद और मेस में अंधाधुंध फायरिंग करके सैन्यकर्मियों की हत्या की थी। घटना में दर्जनों सैनिक घायल भी हुए हैं जिनकी हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। इसलिए मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
घटना के विरोध में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में प्रदर्शन हुए हैं। इनमें मांग उठ रही थी कि रक्षा मंत्री और सेना प्रमुख जैसे बड़े पदों पर बैठे लोग सुरक्षा चूक की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दें। इस घटना से हतोत्साहित तालिबान का हौसला बढ़ा है। कई वर्षो से जारी सुरक्षा बलों की कार्रवाई से तालिबान संसाधनों और संख्या की दृष्टि से सिमटते जा रहे हैं लेकिन इस अकेले घटना ने उनके हौसले में इजाफा किया है।
कार बम से हमला
सोमवार को खोस्त प्रांत में स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे के प्रवेश द्वार पर आतंकियों ने विस्फोटकों से भरी कार टकराकर अंदर घुसने की कोशिश की। इस हमले में कई अफगान सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने की सूचना है, कोई अमेरिकी या सहयोगी देशों के सैन्यकर्मी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। सुरक्षाकर्मियों की जवाबी कार्रवाई से हमलावर सैन्य अड्डे में दाखिल होने में कामयाब नहीं हो सके। सेना के प्रवक्ता ने हमले के बारे में विस्तृत जानकारी देने से इन्कार कर दिया है। उल्लेखनीय है कि अफगान सेना के सहयोग के लिए करीब नौ हजार अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में बने हुए हैं।
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