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तुर्की के सबसे बड़े आतंकी हमले में 95 लोगों की मौत, 3 दिन का शोक

तुर्की की राजधानी अंकारा शनिवार को दो आत्मघाती धमाकों से दहल उठी। मुख्य रेलवे स्टेशन के बाहर हमले उस वक्त किए गए जब लोग शांति मार्च निकालने के लिए इकट्ठा हो रहे थे। धमाकों में 95 लोगों की मौत हो गई और 246 लोग घायल हो गए। कुर्द समर्थक एचडीपी

By Abhishek Pratap SinghEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2015 01:31 PM (IST)Updated: Sun, 11 Oct 2015 12:15 PM (IST)
तुर्की के सबसे बड़े आतंकी हमले में 95 लोगों की मौत, 3 दिन का शोक

अंकारा। तुर्की की राजधानी अंकारा शनिवार को दो आत्मघाती धमाकों से दहल उठी। मुख्य रेलवे स्टेशन के बाहर हमले उस वक्त किए गए जब लोग शांति मार्च निकालने के लिए इकट्ठा हो रहे थे। धमाकों में 95 लोगों की मौत हो गई और 246 लोग घायल हो गए। कुर्द समर्थक एचडीपी पार्टी ने 97 लोगों की मौत का दावा किया है। हमलों के पीछे आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है।

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इस आतंकी हमले की देखें तस्वीरें

तुर्की के सबसे बड़े आतंकी हमले के बाद देश में तीन दिन के शोक की घोषणा की गई है। आपको बता दें कि ये धमाके ऐसे समय में हुए हैं जब यहां कुछ दिनों में आम चुनाव होेने हैं।

गृह मंत्रालय ने बताया कि वामपंथियों और कुर्द समर्थक विपक्षी समूहों की ओर से आयोजित शांति रैली को निशाना बनाकर हमले किए गए। धमाके कुछ मिनट के अंतराल पर हुए। मौके पर सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे और धमाके के बाद अफरातफरी मच गई। घायलों में कई की हालत गंभीर होने के कारण मृतकों की संख्या बढऩे की आशंका है। तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगान ने कहा कि देश की एकता और शांति तोडऩे के लिए हमला किया गया।

निशाने पर कौन?

कुर्द विद्रोहियों और सुरक्षा बलों के बीच नए सिरे से छिड़ी हिंसा की समाप्ति का आह्वान करते हुए शांति मार्च का आयोजन किया गया था। कुर्द समर्थक एचडीपी पार्टी के कार्यकर्ता भी इसमें शामिल होने के लिए पहुंचे थे। एचडीपी कार्यकर्ताओं को निशाना बनाकर इस साल जुलाई में सुरुच में भी आत्मघाती हमला किया गया था।

आइएस पर शक क्यों?

आइएस को लेकर तुर्की ने हाल ही में रुख बदला है। सीरिया और इराक में आतंकी ठिकानों पर हमले के लिए उसने अपने एयरबेस का इस्तेमाल करने की इजाजत अमेरिका को दी है। सीरिया और इराक में कुर्द लड़ाके भी इस आतंकी संगठन को चुनौती दे रहे हैं। सुरुच में 33 कुर्दों की जान लेने वाले हमले के पीछे भी आइएस ही था।

नवंबर में होने हैं चुनाव

तुर्की में एक नवंबर को चुनाव होने हैं। हमलों से हिंसामुक्त निष्पक्ष चुनाव कराने की तुर्की की क्षमता भी सवालों के घेरे में आ गई है। प्रधानमंत्री अहमत दावुतूलु ने अगले कुछ दिनों के अपने सारे कार्यक्रम रद कर दिए हैं। धमाकों के बाद उन्होंने पुलिस और खुफिया सेवाओं के अधिकारियों के साथ आपात बैठक की।

सैन्य अभियान बंद

धमाकों के कुछ घंटों बाद प्रतिबंधित कुर्द समूह पीकेके ने चुनाव तक अपने लड़ाकों से सैन्य अभियान रोकने को कहा है। समूह ने एक बयान में कहा है कि जब तक उसके लड़ाकों पर हमला नहीं होगा तब तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

मीडिया सेंसर

धमाकों के बाद सरकार ने वीभत्स और दहशत पैदा करने वाली तस्वीरों के प्रसारण और प्रकाशन पर रोक लगा दी है। स्थानीय लोगों के अनुसार अंकारा में सोशल वेबसाइट भी ब्लॉक कर दिए गए हैं। सरकार ने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक की भी घोषणा की है।

मोदी ने जताया शोक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमलों पर शोक जताते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने भी संवेदना जताई है।

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