डोनाल्ड ट्रंप ने स्वीकारा, उत्तर कोरिया से संघर्ष अमेरिका की सबसे बड़ी चिंता
जब से अमेरिका में नया प्रशासन सत्ता पर काबिज हुआ है, तब से उत्तर कोरिया कई परीक्षण कर चुका है।
वाशिंगटन, रायटर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्वीकार किया है कि उत्तर कोरिया से संघर्ष उनके देश के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय बन गया है। वहीं कहा है कि उत्तर कोरिया ने परमाणु बम या बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया तो उससे बड़ा टकराव हो सकता है। मगर बातचीत से विवाद सुलझाने को वह प्राथमिकता देंगे।
इस बीच चीन ने कोरियाई प्रायद्वीप के हालात को अपने नियंत्रण से बाहर बताया है। इससे साफ है कि उत्तर कोरिया सैन्य परीक्षण रोकने की उसकी सलाह नहीं मान रहा।
इधर अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने दावा किया है कि चीन ने उत्तरी कोरिया को आगाह किया है कि उसने अगर छठा परमाणु परीक्षण किया या मिसाइल छोड़ी तो वह उसके खिलाफ कड़े प्रतिबंध लगाएगा। खास बातचीत में ट्रंप ने कहा, वह समस्या का शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। इसके लिए नए आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं। लेकिन सैन्य कार्रवाई का विकल्प भी बना हुआ है। वैसे हम उत्तर कोरिया के साथ बहुत बड़े टकराव से बचना चाहेंगे।
जाहिर है कि ट्रंप का इशारा परमाणु युद्ध की ओर था। ओवल ऑफिस में हुई बातचीत में राष्ट्रपति ने कहा, हम चाहेंगे कि समस्या बातचीत के जरिये सुलझे लेकिन यह बहुत मुश्किल है। उत्तर कोरिया दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है। ट्रंप ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को एक अच्छा आदमी बताते हुए उत्तर कोरिया को लेकर उनके प्रयासों की एक बार फिर से प्रशंसा की। उन्होंने कहा, चिनफिंग उत्तर कोरिया को नियंत्रित करने के लिए काफी परिश्रम कर रहे हैं। लग रहा है कि वह कुछ हद तक सफल भी हुए हैं।
इस बीच चीन के विदेश मंत्री वांग ई ने माना है कि कोरियाई प्रायद्वीप की समस्या बढ़ रही है और वह हाथ से निकल जाने के करीब है। वांग ने यह बात संयुक्त राष्ट्र में रूसी दूत से वार्ता के बाद कही है। उत्तर कोरिया के सैन्य परीक्षण करने पर चीन ने उसके खिलाफ प्रतिबंधों को और कड़ा करने के भी संकेत दिये हैं। चीन ने उत्तर कोरिया से होने वाले कोयले के आयात पर फरवरी में प्रतिबंध लगा दिया था, अब वह कुछ खास वस्तुओं का निर्यात भी रोक सकता है। प्रतिबंध लगाई जाने वाली वस्तुओं में तेल निर्यात भी शामिल हो सकता है।
परमाणु हथियारों से लैस पनडुब्बी भी पहुंची
अमेरिका ने परमाणु हथियारों से लैस विमानवाहक पोत यूएसएस कार्ल विंसन को कोरिया प्रायद्वीप में तैनात कर रखा है। उसके सहयोग के लिए परमाणु हथियारों वाली पनडुब्बी यूएसएस मिशिगन भी दक्षिण कोरिया पहुंच गई है। इसे अमेरिकी हमलावर दस्ते की प्रमुख पनडुब्बी माना जाता है। प्रशांत क्षेत्र के शीर्ष अमेरिकी सैन्य कमांडर एडमिरल हैरी हैरिस ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर महज दो घंटे में और भी युद्धपोत फिलीपींस सागर से कोरिया प्रायद्वीप पहुंच जाएंगे।
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