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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार पर भिड़े भारत और पाकिस्तान

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार को लेकर एक बार फिर भारत और पाकिस्तान आमने सामने आ गए।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Tue, 03 May 2016 05:02 PM (IST)Updated: Wed, 04 May 2016 02:22 AM (IST)
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार पर भिड़े भारत और पाकिस्तान

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार को लेकर एक बार फिर भारत और पाकिस्तान आमने सामने आ गए। भारत ने जहां सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों की संख्या बढ़ाने की वकालत की तो पाकिस्तान की दलील थी कि इससे यह अपनी पहचान ही खो देगी। भारत समेत जी-4 के अन्य देशों ने परिषद की मौजूदा संरचना को अप्रचलित करार दिया है।

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जी-4 की ओर से यूएन में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने सुरक्षा परिषद में अविलंब सुधार की जरूरत बताई है। भारत, जर्मनी, जापान और ब्राजील जी-4 के सदस्य देश हैं। उन्होंने कहा, 'स्थायी सदस्यता में विस्तार को अलोकतांत्रिक बताने की दलीलें कई बार सुनी जा चुकी हैं। लेकिन, सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए दोनों श्रेणियों खासकर स्थायी श्रेणी की सदस्यता में वृद्धि करना जरूरी है। इससे परिषद पहले के मुकाबले ज्यादा लोकतांत्रिक, वैध, प्रतिनिधित्व वाला और जवाबदेह होगा।

सुरक्षा परिषद का मौजूद स्वरूप समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित नहीं करता है। ऐसे में यह उद्देश्यों को पूरा करने लायक नहीं है।' हालांकि, पाकिस्तान ने सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यों की संख्या में वृद्धि का विरोध किया है। पाकिस्तानी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने कहा कि इससे परिषद की लोकतांत्रिक पहचान और प्रभाव में कमी आएगी।

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भावी पीढ़ी की खुशहाली को भारत-पाक मिलकर काम करें: बासित

पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने भारत और पाकिस्तान के एकसाथ मिलकर काम करने की वकालत की है। पाकिस्तान-भारत संयुक्त उद्योग फोरम की छठी बैठक को संबोधित करते हुए बासित ने मंगलवार को यहां कहा कि भारत और पाकिस्तान को आपसी रिश्ते सामान्य करने में अभी लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन वे इससे इन्कार नहीं कर सकते कि भावी पीढ़ी की शांति और खुशहाली सुनिश्चित करने के लिए उन्हें मिलकर काम करना होगा। पाकिस्तान उच्चायोग के बयान के अनुसार, बासित ने भारत और पाकिस्तान के बीच अवसरों की बहुलता को रेखांकित किया।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों को ऐसी प्रक्रिया शुरू करने की जरूरत है, क्योंकि यह स्थायी और पारस्परिक रूप से लाभप्रद है। बयान में कहा गया है, 'प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पड़ोसी से शांतिपूर्ण संबंध की नीति के मुताबिक, पाकिस्तान भारत के साथ रिश्ते सामान्य करने को प्रतिबद्ध है।'


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