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काठ की कला के लिए मशहूर काठमांडू में मलबे का ढेर

भूकंप के कारण काठ की खूबसूरत स्थापत्य कला और मंदिरों के लिए दुनियाभर में मशहूर नेपाल की राजधानी काठमांडू के कई इलाके मलबे के ढेर में तब्दील हो गए हैं। घनी आबादी वाले पुराने काठमांडू में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2015 08:05 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2015 08:41 PM (IST)
काठ की कला के लिए मशहूर काठमांडू में मलबे का ढेर

काठमांडू । भूकंप के कारण काठ की खूबसूरत स्थापत्य कला और मंदिरों के लिए दुनियाभर में मशहूर नेपाल की राजधानी काठमांडू के कई इलाके मलबे के ढेर में तब्दील हो गए हैं। घनी आबादी वाले पुराने काठमांडू में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। सड़कों पर लंबी व बड़ी-बड़ी दरार बन गई है। बिजली गुल है।

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मोबाइल, टेलीफोन और इंटरनेट की सेवाएं प्रभावित हुई हैं। सड़कों पर सिर्फ एंबुलेंस के सायरन की आवाज सुनाई पड़ रही है। ग्रीष्मकालीन राजधानी पोखरा, घोराही, भरतपुर, भैरवा, लामजुम, पोखरा, बुटवल, लुम्बिनी और तिलोत्तमा में भी भारी तबाही मची है।

कुतुबमीनार धराशायी

1832 में बने धरहरा टावर को नेपाल का कुतुबमीनार कहते हैं। पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय नौ मंजिला यह मीनार मलबे में बदल गया है। 61.88 मीटर लंबे इस टावर को 10 साल पहले पर्यटकों के लिए खोला गया था। पुलिस के मुताबिक मीनार के मलबे में करीब 200 लोगों के दबे होने की आशंका है।

न दरबार न चौक

नेपाल में राजशाही के प्रतीक चिह्नों में से एक काठमांडू के दरबार चौक की सूरत ही भूकंप ने बदल दी है। शाही भवन के सामने स्थित इस इलाके में कई महत्वपूर्ण मंदिर, प्रतिमाएं, फव्वारे आदि मौजूद थे। लेकिन, अब पूरे इलाके में मलबे का ढेर लगा है।

नौलखा मंदिर को नुकसान

जनकपुर नेपाल का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। प्राचीन काल में मिथिला की राजधानी रही इस जगह पर ही सीता माता का बचपन बीता था। भूकंप से यहां के नौलखा मंदिर और राम-जानकी विवाह मंडप को नुकसान पहुंचा है।

पशुपतिनाथ मंदिर सुरक्षित

काठमांडू के विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। 5वीं शताब्दी का यह मंदिर यूनेस्को के विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल में शामिल है। पत्रकार नलिनी सिंह के मुताबिक मंदिर को कोई क्षति नहीं हुई है। उन्होंने ट्वीट किया है, 'श्रीपशुपतिनाथ मंदिर का परिसर सुरक्षित है।' नलिनी के नेपाल-1 चैनल का दफ्तार काठमांडू हवाई अड्डे के पास ही है। गौरतलब है कि 2013 में भारत के केदारनाथ में आई तबाही के दौरान भी भगवान शिव के मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा था।

तिब्बत में पांच, बांग्लादेश में तीन मरे

भूकंप के झटके चीन, पाकिस्तान, भूटान और बांग्लादेश में भी महसूस किए गए। तिब्बत में एक 83 वर्षीय महिला समेत 5 लोगों की मौत हो गई। कई इमारतों को भारी नुकसान हुआ है। झटके ल्हासा और शिगात्से शहरों में महसूस किया गया। नेलम शहर में घर क्षतिग्रस्त हो गए। चीन-नेपाल सीमा पर दूरसंचार सेवाएं ठप हो गई। बांग्लादेश में एक महिला सहित तीन लोगों की मौत हो गई और 60 अन्य घायल हो गए।

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