सीआइए ने राजीव को नहीं माना था पीएम पद के काबिल
अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने 1985 के आम चुनाव में कांग्रेस को पहले से कम सीटें मिलने की उम्मीद जताई थी।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआइए ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को प्रधानमंत्री पद के काबिल नहीं माना था। इंदिरा गांधी की हत्या से दो साल पहले भारत की संभावित राजनीतिक स्थिति पर तैयार रिपोर्ट में राजीव गांधी को राजनीतिक तौर पर अपरिपक्व करार दिया गया था।
सीआइए ने '1980 के दशक के मध्य में भारत: लक्ष्य और चुनौतियां' नाम से 14 जनवरी, 1983 को 30 पृष्ठों की एक गोपनीय रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें इंदिरा की असामयिक मौत होने पर कांग्रेस के कमजोर होने की बात कही गई थी। यह रिपोर्ट अब सूचना की स्वतंत्रता का अधिकार कानून के तहत सार्वजनिक की गई है। इसमें कहा गया है कि राजनीतिक अपरिपक्वता के चलते राजीव कांग्रेस या जनता में जोश भरने में असफल रहेंगे। अक्टूबर, 1984 में हालांकि इंदिरा की हत्या के बाद राजीव ही उनके उत्तराधिकारी बने और देश की कमान भी संभाली। इतना ही नहीं कुछ महीनों बाद हुए आम चुनाव में राजीव के नेतृत्व में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत भी मिला था।
अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने 1985 के आम चुनाव में कांग्रेस को पहले से कम सीटें मिलने की उम्मीद जताई थी। इस संबंध में रिपोर्ट में कहा गया था, 'इंदिरा गांधी की अचानक मृत्यु होने की स्थिति में संभावित उत्तराधिकारी के चयन में राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के साथ राजीव गांधी की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होगी। खुद राजीव के पीएम बनने की स्थिति में सत्ता पर उनकी पकड़ बहुत ही कम समय के लिए होगी।' सीआइए ने तत्कालीन रक्षा मंत्री आर वेंकटरमन, विदेश मंत्री पीवी नरसिम्हा राव, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी और उद्योग मंत्री नारायण दत्त तिवारी को संभावित उम्मीदवार बताया था।
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