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चीन की सरकारी मीडिया ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग की तुलना माओ से की

शी चिनफिंग ने मार्च 2013 में नेतृत्व की बागडोर अपने हाथों में ली थी। हाल के दिनों में वह चीन के सबसे अधिक शक्तिशाली नेता के रूप में उभरे हैं।

By Atul GuptaEdited By: Published: Sun, 23 Oct 2016 10:48 PM (IST)Updated: Sun, 23 Oct 2016 10:53 PM (IST)
चीन की सरकारी मीडिया ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग की तुलना माओ से की

बीजिंग, प्रेट्र । चीन की सरकारी मीडिया ने मौजूदा राष्ट्रपति शी चिनफिंग की तुलना कम्युनिस्ट क्रांति के रहनुमा कॉमरेड माओत्से तुंग से की है। उसका कहना है कि देश को फिर से माओ जैसे दमदार नेता की जरूरत है और चिनफिंग में वह सब खासियत है। सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के समाचार पत्र ने यह टिप्पणी की है। सोमवार से सीपीसी की बीजिंग में शुरू हो रही चार दिवसीय विस्तृत बैठक (प्लेनम) के मद्देनजर सरकारी अखबार की इस टिप्पणी को अहम माना जा रहा है।

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इस बैठक को चीन में राजनीतिक सत्र की शुरुआत माना जाता है। यह सियासी सत्र राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री ली कछ्यांग को छोड़कर शीर्ष नेतृत्व में परिवर्तन के साथ अगले वर्ष समाप्त होगा। अगले वर्ष पार्टी कांग्रेस के 19वें सम्मेलन के दौरान नए पोलित ब्यूरो की स्थायी समिति की नियुक्ति की जानी है। वर्तमान में शी (63) सीपीसी की सात सदस्यीय स्थायी समिति के प्रमुख हैं। चीन में वस्तुत: कम्युनिस्ट पार्टी की ही सत्ता है।

शी चिनफिंग ने मार्च 2013 में नेतृत्व की बागडोर अपने हाथों में ली थी। हाल के दिनों में वह चीन के सबसे अधिक शक्तिशाली नेता के रूप में उभरे हैं। हालांकि पूर्व में स्थायी समिति तीन दशक पहले प्रतिपादित सामूहिक नेतृत्व के सिद्धांत का प्रतिनिधित्व करती थी। आलोचकों का कहना है कि शी के प्रभावशाली नेता के रूप में उभरने से कछ्यांग सहित स्थायी समिति के अन्य छह सदस्य निष्प्रभावी हो गए हैं। अगले वर्ष नई स्थायी समिति के लिए कथित तौर पर अभी से लामबंदी शुरू हो गई है। सरकारी मीडिया के अनुसार, विस्तृत बैठक के दौरान पार्टी नेतृत्व शी के नेतृत्व में किए गए कार्यो की रिपोर्ट पेश करेगा।

आधुनिक चीन के निर्माता थे माओ

माओत्से तुंग को आधुनिक चीन का निर्माता माना जाता है। माओ ने लाल क्रांति के जरिये चीन में कम्युनिस्ट राज की स्थापना की थी। इसके लिए उन्होंने हजारों लोगों की हत्याएं कीं। 1949 से लेकर माओ की मृत्यु तक चीन में उनकी सरकार रही। लेनिन और मा‌र्क्स को कट्टरता की हद तक मानने वाले माओ की विचारधारा को पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ ने आगे बढ़ाया। अब शी भी उन्हीं की नीतियों पर चल रहे हैं।

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