चीन के कारण कर्ज के दलदल में फंस सकता है बांग्लादेश
चीन के वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट के कारण श्रीलंका के बाद अब कर्ज का दलदल बांग्लादेश की ओर बढ़ रहा है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। चीन ने पिछले साल राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ढाका यात्रा के दौरान- सॉफ्ट लोन को कॉमर्शियल क्रेडिट में बदलने का प्रस्ताव बांग्लादेश के सामने रखा। इससे यह स्पष्ट संकेत मिल रहा है कि अब बांग्लादेश भी श्रीलंका की तरह कर्ज के दलदल में फंस सकता है। हालांकि बांग्लादेश इसका विरोध कर रहा है।
बांग्लादेश का विरोध
वन बेल्ट वन रोड प्रोजेक्ट के जरिए चीन बाकि के एशियाई देशों, अफ्रीका और यूरोप से जुड़ेगा। इस प्रोजेक्ट के लिए लोन पैटर्न को बदलने की चीन के पहल का बांग्लादेश ने विरोध किया है क्योंकि इससे बांग्लादेश को अधिक ब्याज का भुगतान करना होगा और इसकी हालत भी श्रीलंका की तरह हो जाएगी और यह कर्ज के दलदल में फंस सकता है। सॉफ्ट लोन को कॉमर्शियल क्रेडिट में बदलने का मतलब है कि बांग्लादेश को उस कर्ज राशि के लिए उच्चतम ब्याज का भुगतान करना होगा।
राष्ट्रपति जी जिनपिंग के ढाका दौरे के दौरान गत वर्ष बांग्लादेश ने चीन के साथ करीब ढाई दर्जन प्रोजेक्ट के लिए 25 बिलियन डॉलर पर हस्ताक्षर किया था।
चीन का दावा
चीनी अधिकारियों का दावा है कि बीजिंग ने वादा नहीं किया था कि दोनों देशों के बीच साइन किए गए सभी प्रोजेक्ट G2G (government to government) आधार पर लागू नहीं होंगे। चीनी अधिकारी मानते हैं कि बांग्लादेश संयुक्त रूप से प्रोजेक्ट को फंड कर सकता है।
कर्ज के बोझ तले श्रीलंका
चीन की फंडिंग वाले प्रॉजेक्ट्स के कारण श्रीलंका कर्ज के भारी बोझ का सामना कर रहा है। श्रीलंका का कुल कर्ज 60 अरब डॉलर से अधिक का है और उसे इसमें से 10 फीसद से अधिक चीन को चुकाना है। चीन सरकार का अनुमान है कि उसका इनवेस्टमेंट लगभग 4 लाख करोड़ डॉलर का होगा। इसके अलावा OBOR प्रॉजेक्ट के कारण पर्यावरण से जुड़े और सामाजिक जोखिम भी पैदा हो सकते हैं।
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