चीन का नया नारा-बच्चे दो हैं जरूरी
दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश चीन इन दिनों जनसंख्या के असंतुलन की समस्या से जूझ रहा है। विवादास्पद 'एक बच्चा नीति' में ढील दिए जाने के बावजूद आशातीत सफलता नहीं मिली है। इसे देखते हुए शंघाई की एजेंसियों ने 'योग्य दंपतियों' से दूसरा बच्चा पैदा करने की अपील
बीजिंग। दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाला देश चीन इन दिनों जनसंख्या के असंतुलन की समस्या से जूझ रहा है। विवादास्पद 'एक बच्चा नीति' में ढील दिए जाने के बावजूद आशातीत सफलता नहीं मिली है। इसे देखते हुए शंघाई की एजेंसियों ने 'योग्य दंपतियों' से दूसरा बच्चा पैदा करने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि चीन का सबसे बड़ा वाणिज्यिक शहर शंघाई काम करने वाले लोगों की घटती तादाद से परेशान है। साथ ही इस साल के अंत तक इस शहर की 30 फीसदी आबादी साठ साल या उसके पार होगी। शंघाई के जनसंख्या एवं परिवार नियोजन आयोग ने युवा दंपतियों से परिवार बढ़ाने की यह असाधारण अपील रविवार को शंघाई पीपुल्स कांग्रेस की बैठक में की। साउथ चाइना मार्निग पोस्ट के अनुसार अपील में कहा गया है कि दो बच्चों से परिवार में स्थिरता आती है और सामाजिक विकास होता है। आयोग के निदेशक फान हुआ के अनुसार शंघाई शहर की 90 फीसदी महिलाओं की उम्र अभी बच्चे पैदा करने की है। लेकिन, पांच फीसदी से भी कम महिलाओं ने दूसरे बच्चे के लिए आवेदन दिया है।
गौरतलब है कि तीन दशक पुरानी एक बच्चा नीति में चीन ने 2013 में ढील दी थी। पूर्वी चीन के झेजियांग प्रांत में जनवरी 2014 में इस पायलट प्रोजेक्ट को शुरू किया गया। इसके बाद इसे पूरे देश में लागू कर लोगों से दूसरे बच्चे के लिए आवेदन मांगा गया। चीन के राष्ट्रीय जनसंख्या एवं परिवार नियोजन आयोग के अनुसार 10 लाख लोगों ने दूसरे बच्चे के लिए आवेदन दिया है। आयोग को कम से कम 20 लाख आवेदन की उम्मीद थी। बच्चों के पालन-पोषण में बढ़ते खर्च के कारण सरकार की इन कोशिशों को आशातीत सफलता नहीं मिल रही है।
जनसंख्या का गणित
-1.35 अरब है चीन की जनसंख्या।
-22 करोड़ से ज्यादा लोगों की उम्र इस साल के अंत तक होगी साठ साल।
-05 करोड़ से ज्यादा लोग इस साल के अंत तक नि:संतान होंगे।
-1.3 करोड़ महिलाएं हर साल चीन में कराती हैं गर्भपात।