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चीन की अमेरिका को धमकी, भारत के साथ सीमा विवाद में दखल बर्दाश्त नहीं

रिचर्ड वर्मा के अरूणाचल प्रदेश दौरे के बाद चीन भड़क गया है और उसने अमेरिका को कडी़ चेतावनी देते हुए नई दिल्ली-बीजिंग के बीच सीमा विवाद से दूर रहने को कहा है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Mon, 24 Oct 2016 03:49 PM (IST)Updated: Tue, 25 Oct 2016 03:39 AM (IST)
चीन की अमेरिका को धमकी, भारत के साथ सीमा विवाद में दखल बर्दाश्त नहीं

बीजिंग/नई दिल्ली, प्रेट्र। अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा के अरूणाचल प्रदेश दौरे को लेकर जहां चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि वह सीमा विवाद से दूर रहें नहीं तो इससे नई दिल्ली-बीजिंग के रिश्तों पर असर पड़ सकता है, तो वहीं दूसरी तरफ भारत ने चीन की तरफ से ऐसी प्रतिक्रिया की कड़ी ओलाचना की।

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भारत में अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा के अरुणाचल प्रदेश दौरे पर चीन ने सोमवार को कड़ा एतराज जताया। चीन ने कहा कि किसी भी तरह के अमेरिकी दखल से चीन-भारत सीमा विवाद और जटिल व मुश्किल हो जाएगा। अरुणाचल प्रदेश को चीन तिब्बत का दक्षिणी भाग मानता है। जबकि, 1962 युद्ध में चीन के कब्जाए गए अक्साई चिन क्षेत्र को भारत विवादित मानता है।

दरअसल, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू के आमंत्रण पर अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने 22 अक्टूबर को तवांग की यात्रा की थी। इस संबंध में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कैंग ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि अमेरिकी राजदूत ने 'विवादित क्षेत्र' की यात्रा की है। चीन इस यात्रा का विरोध करता है। अमेरिका को भारत-चीन सीमा विवाद में दखलंदाजी से दूर रहना चाहिए।

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बता दें कि चीन इस क्षेत्र में विदेशी अधिकारियों और दलाई लामा के अलावा भारतीय नेताओं के दौरों का भी लगातार विरोध करता रहा है। सीमा विवाद के हल के लिए दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के नेतृत्व में गठित विशेष प्रतिनिधि तंत्र का जिक्र करते हुए चीनी प्रवक्ता ने कहा, 'भारत-चीन सीमा के पूर्वी भाग पर चीन की स्थिति बिल्कुल स्पष्ट और एक सी रही है। दोनों देश अब वार्ता और विचार-विमर्श के जरिये क्षेत्र के विवाद को हल करने का प्रयास कर रहे हैं।' दोनों ही देश 3,488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर विवाद को सुलझाने के लिए अब तक विशेष प्रतिनिधि स्तर पर 19 दौर की वार्ता कर चुके हैं।-

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तवांग में अमेरिकी राजदूत

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भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य अरूणाचल प्रदेश के एक बड़े हिस्से को चीन दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बता कर उस पर अपना दावा करता रहा है। लू ने आगे कहा, "हम अमेरिका से यह साफतौर पर कहना चाहते हैं कि वह चीन और भारत के बीच सीमा विवाद के मुद्दे पर दखल देना बंद करे और क्षेत्र की शांति और स्थायित्व के लिए अपनी दृढ़ता का परिचय दे।" लू ने आगे कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा का मुद्दा काफी जटिल और संवेदनशील था। ऐसे में अगर कोई तीसरा पक्ष में उसमें दखल देता है तो उससे और तनाव उत्पन्न होगा।

उधर, चीन की आपत्ति को लेकर केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरन रिजीजू ने कहा, "अमेरिकी राजदूत अरूणाचल प्रदेश के दौरे पर गए जो भारत का अभिन्न हिस्सा है। इसमे ऐसा कुछ भी असमान्य नहीं है। वह एक फेस्टिवल में शरीक होने गए थे। यह कोई राजनीतिक दौरा नहीं था।"

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