एनएसजी पर फिर अड़ा चीन, कहा- भारत के आवेदन का नहीं करेगा समर्थन
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, एनएसजी में प्रवेश के सवाल पर चीन की सोच नहीं बदली है।
बीजिंग, प्रेट्र। परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की अगले सप्ताह होने वाली बैठक से पहले चीन ने एक बार फिर साफ किया है कि भारत के आवेदन को लेकर उसका रुख नहीं बदला है। वह भारत के आवेदन का समर्थन नहीं करेगा। चीन परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) पर दस्तखत न करने वाले देशों के एनएसजी में प्रवेश के खिलाफ है। भारत ने एनपीटी पर दस्तखत नहीं किये हैं।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा, एनएसजी में प्रवेश के सवाल पर चीन की सोच नहीं बदली है। वह निर्धारित मानदंडों के अनुसार ही इस विशेष समूह में शामिल होने के प्रस्ताव का समर्थन करता है। कांग ने यह बात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पैरवी के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कही। हाल ही में पुतिन ने अस्ताना में हुए एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की थी और भारत के आवेदन की पैरवी की थी। अगले हफ्ते एनएसजी की बैठक स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में होगी।
एनएसजी के आवेदन के समर्थन का मसला भारत और चीन के बीच लंबे समय से फंसा हुआ है। इस समूह का सदस्य बनकर भारत परमाणु ऊर्जा के लिए आवश्यक ईंधन और तकनीक को आसानी से प्राप्त कर सकता है। 48 सदस्यों वाले इस समूह में भारत की सदस्यता के अमेरिका, रूस सहित ज्यादातर सदस्य देश पक्षधर हैं लेकिन चीन इसमें लगातार अड़ंगा लगा रहा है। भारत को कोई अतिरिक्त सुविधा मिलने पर वह उसका लाभ पाकिस्तान को भी दिलाना चाहता है। भारत की ओर से कई बार इस मसले पर बैठक होने के बावजूद चीन समर्थन को तैयार नहीं हुआ है।
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