चीन की सफाई, सिल्क रोड का नहीं होगा सैन्य इस्तेमाल
राष्ट्रपति शी चिनफिंग के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में एशिया को अफ्रीका और यूरोप से सड़क, जल और रेल मार्ग से जोड़ने की योजना है।
बीजिंग, रायटर। चीन ने सफाई दी है कि न्यू सिल्क रोड (वन बेल्ट-वन रोड) प्रोजेक्ट के तहत उसकी अपने सैन्य प्रभाव में वृद्धि की कोई योजना नहीं है। वह विदेशी धरती पर अपने सैन्य ठिकाने बनाने की योजना पर भी कार्य नहीं कर रहा। यह बात चीन के रक्षा मंत्रालय ने कही है।
राष्ट्रपति शी चिनफिंग के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में एशिया को अफ्रीका और यूरोप से सड़क, जल और रेल मार्ग से जोड़ने की योजना है। इसी महीने बीजिंग में हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में चिनफिंग इस प्रोजेक्ट पर 124 बिलियन डॉलर (आठ लाख करोड़ रुपये) धनराशि खर्च करने की घोषणा कर चुके हैं। सम्मेलन में वह इसे शांति और उन्नति का प्रोजेक्ट घोषित कर चुके हैं। लेकिन चीन के इस प्रोजेक्ट को लेकर भारत और यूरोपीय देश सशंकित हैं।
पाकिस्तान में बने ग्वादर बंदरगाह से भारत की आशंकाएं जुड़ी हुई हैं। चीन द्वारा विकसित किये गए इस बंदरगाह पर उसी का नियंत्रण है। इसके चलते वह उसका व्यापारिक और सैन्य इस्तेमाल कर सकता है। यही स्थिति श्रीलंका के बंदरगाह की है। इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रेन गुओक्वांग ने इस आशंका को आधारहीन बताया।
यह भी पढ़ें: UN ने चीन की वन बेल्ट वन रोड परियोजना में वित्तीय जोखिमों के बारे में चेतावनी दी