बदल रहा भारत-चीन रिश्तों का समीकरण, हरियाणा में रेल इंजन फैक्ट्री लगाएगा चीन
चीन की सरकारी बुलेट ट्रेन निर्माता कंपनी चाइना रेलवे रोलिंग स्टॉक कारपोरेशन (सीआरआरसी) ने भारत में रेल इंजन फैक्ट्री लगाने की घोषणा की है।
बीजिंग, प्रेट्र। रिश्तों में तनाव के बावजूद भारत और चीन अर्थिक संबंधों को नई ऊंचाई देने में जुटे हैं। चीन की सरकारी बुलेट ट्रेन निर्माता कंपनी चाइना रेलवे रोलिंग स्टॉक कारपोरेशन (सीआरआरसी) ने भारत में रेल इंजन फैक्ट्री लगाने की घोषणा की है। हरियाणा में लगने वाले इस प्लांट की लागत 63.4 मिलियन डॉलर (425 करोड़ रुपये) होगी। संयुक्त उपक्रम में चीन की 51 फीसद हिस्सेदारी होगी।
सीआरआरसी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया अभियान की घोषणा के बाद रेल फैक्ट्री लगाने वाली वह पहली विदेशी कंपनी है। संयुक्त उपक्रम को सीआरआरसी पायनियर (इंडिया) इलेक्टि्रक कारपोरेशन लिमिटेड का नाम दिया गया है।
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शिन्हुआ समाचार एजेंसी के मुताबिक इस प्लांट से लोकोमोटिव इंजन का उत्पादन किया जाएगा। यहां तेल खनन के लिए इलेक्टि्रक ट्रांसमिशन सिस्टम, पवन ऊर्जा और खनन से जुड़े उपकरणों का भी उत्पादन होगा। भारतीय रेल नेटवर्क के आधुनिकीकरण सहयोग समझौते के बाद चीन द्वारा यह पहला बड़ा निवेश है।
चीन नई दिल्ली-चेन्नई के बीच हाईस्पीड ट्रेन चलाने की संभावना पर अध्ययन कर रहा है। साथ ही चेन्नई-मैसूर (वाया बेंगलुरु) की मौजूदा पटरियों पर ट्रेन की गति बढ़ाने को लेकर भी चीन तकनीकी सहयोग प्रदान करेगा। भारत में पहले बुलेट ट्रेन का प्रोजेक्ट (अहमदाबाद-मुंबई) जापान के पास है। सीआरआरसी के उपाध्यक्ष यू वेईपिंग ने बताया कि नई फैक्ट्री से न केवल नौकरी के नए अवसर सृजित होंगे बल्कि आधारभूत संरचना भी मजबूत होगी। भारत में रेलवे का कुल नेटवर्क तकरीबन 64 हजार किलोमीटर का है।