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चीन में अमेरिका के खुफिया नेटवर्क को तगड़ा झटका, मारे गए CIA के 20 एजेंट

चीन ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए को सूचना पहुंचाने वाले ऐसे नेटवर्क को ध्‍वस्‍त कर दिया, जिसे बनाने में सालों लग जाते हैं।

By Pratibha Kumari Edited By: Published: Sun, 21 May 2017 03:10 PM (IST)Updated: Sun, 21 May 2017 03:43 PM (IST)
चीन में अमेरिका के खुफिया नेटवर्क को तगड़ा झटका, मारे गए CIA के 20 एजेंट
चीन में अमेरिका के खुफिया नेटवर्क को तगड़ा झटका, मारे गए CIA के 20 एजेंट

वाशिंगटन, रायटर। चीन ने साल 2010-12 के बीच अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए केे 18 से 20 सूत्रों को या तो मार डाला या उन्‍हें बंदी बना लिया। इस कार्रवाई से सीआईए के खुफिया नेटवर्क को तगड़ा झटका लगा है। न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स की एक रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है। इसमें अमेरिका के 10 मौजूदा और पूर्व अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि पिछले एक दशक में सीआईए के खुफिया नेटवर्क में लगी यह सबसे बड़ी सेंध है।

अधिकारियों ने पहचान ना उजागर करने की शर्त पर यह बात बताई। रिपोर्ट में कहा गया है कि जांचकर्ता अब भी किसी निष्‍कर्ष पर नहीं पहुंच पाए हैं कि आखिर यह कैसे हो गया। कुछ का मानना है कि सीआईए में ही कोई भेदिया छिपा हुआ था, जिसने सूत्रों को धोखा दिया। वहीं कुछ को लगता है कि चीन ने सीआईए की उस गुप्‍त संचार प्रणाली को हैक कर लिया होगा, जिसके माध्यम से सीआईए अपने विदेशी सूत्रों के साथ बातचीत करता था। बताया जा रहा है कि चीन के अंदर अमेरिका का जो सबसे मजबूत और फायदेमंद खुफिया नेटवर्क था, उसी को चीन ने तोड़ डाला है।

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अखबार के अनुसार, चीन ने 2010 से 2012 के बीच सीआईए को सूचना पहुंचाने वाले कम से कम एक दर्जन लोगों मारकर ऐसे नेटवर्क को ध्‍वस्‍त किया है, जिसे बनाने में सालों लग जाते हैं। तीन अधिकारियों ने बताया कि मारे गए सूत्रों में से एक को चीन स्थित एक सरकारी इमारत के सामने गोली मार दी गई, ताकि अमेरिका के लिए काम करने वालों को एक संदेश दिया जा सके और उनमें दहशत पैदा कर सके।

अधिकारियों का कहना है चीन में हुआ यह नुकसान शीत युद्ध के वक्त सोवियत रूस में हुई एक बड़ी घटना के बराबर है। रिपोर्ट के अनुसार, उस समय सीआईए के 2 खुफिया सूत्रों ने अमेरिका को धोखा दिया और रूस के लिए मुखबरी की। इसकी वजह से सोवियत में काम कर रहे सीआईए के कई खुफिया सूत्र मारे गए थे। आपको बता दें कि चीन और रूस में खुफिया नेटवर्क कायम करना एक बड़ी चुनौती माना जाता है। ऐसे में जाहिर है कि अपने सूत्रों को खोने के बाद सीआईए को नए सिरे से काफी मेहनत करनी पड़ी होगी।

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