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सोवियत संघ का उदाहरण देकर शी जिनपिंग को सबसे शक्तिशाली बनाने की कोशिश

बीजिंग में सोमवार से शुरू हुई इस बैठक में भ्रष्टाचार रोधी अभियान और अनुशासन चर्चा में है।

By Atul GuptaEdited By: Published: Tue, 25 Oct 2016 08:08 PM (IST)Updated: Tue, 25 Oct 2016 08:43 PM (IST)
सोवियत संघ का उदाहरण देकर शी जिनपिंग को सबसे शक्तिशाली बनाने की कोशिश

बीजिंग, प्रेट्र । चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को सर्वशक्तिमान बनाने की पैरवी करने वालों ने एक नया राग छोड़ा था। सोवियत संघ के विघटन का हवाला देकर इनलोगों ने चिनफिंग के अधिकार बढ़ाने की जरूरत बताई है। इनके मुताबिक राष्ट्रपति का भ्रष्टाचार विरोधी अभियान सोवियत संघ जैसी स्थिति से बचाने के लिए जरूरी है। सोवियत संघ का 1991 में विघटन हो गया था।

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भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के महत्व को रेखांकित करने हुए सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सोवियत संघ का विघटन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) को नेतृत्व का पाठ पढ़ता है। इस अभियान में पिछले तीन साल में 10 लाख से ज्यादा अधिकारी दंडित किए जा चुके हैं। सीपीसी भ्रष्टाचार रोधी अभियान लागू कर रही है और पार्टी का अनुशासन बढ़ा रही है, क्योंकि उसने पूर्व सोवियत संघ के विघटन से सबक सीखे हैं। कई नेताओं और विशेषज्ञों से बातचीत पर आधारित यह रिपोर्ट सीपीसी की चार दिवसीय बैठक के बीच आई है।

बीजिंग में सोमवार से शुरू हुई इस बैठक में भ्रष्टाचार रोधी अभियान और अनुशासन चर्चा में है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार अगले साल होने वाली पार्टी कांग्रेस से पहले आयोजित इस बैठक में दो दस्तावेजों की समीक्षा की जाएगी। इनमें से एक दस्तावेज नई स्थिति में राजनीतिक जीवन से जुड़ी शर्तो और दूसरा पार्टी के भीतर निरीक्षण नियमन से जुड़ा है। 1981 के सामूहिक नेतृत्व के नियम को भी बदले जाने के प्रबल कयास हैं। यह नियम सत्ता का केंद्रीकरण किसी एक व्यक्ति के हाथ में जाने से रोकने के लिए है। इस बैठक से पहले समर्थकों ने चिनफिंग की तुलना पार्टी संस्थापक माओत्से तुंग से की थी। चिनफिंग ने भी कहा था कि यदि पार्टी सदस्य अपनी मर्जी की चीजें कहते और करते रहेंगे तो एक दिन पार्टी उग्र भीड़ में बदल जाएगी।

पढ़ें- चीन में शी जिनपिंग को सबसे ताकतवर बनाने की तैयारी, नियमों में होंगे बदलाव


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