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बहिर्मुखी हैं तो करेंगे खुलकर खर्च

एक नए शोध के आधार पर बताया गया है कि बहिर्मुखी व्यक्ति ज्यादा बचत नहीं कर पाते। इसका कारण है कि उनके लिए खर्च करने की अपनी आदत पर रोक लगाना मुश्किल होता है। इसीलिए उनकी देनदारियां भी बढ़ती जाती हैं। रॉटमेन स्कूल के असिस्टेंट प्रोफेसर जैकब हर्श के अनुसार कई

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2015 06:42 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2015 07:31 PM (IST)
बहिर्मुखी हैं तो करेंगे खुलकर खर्च

वाशिंगटन। एक नए शोध के आधार पर बताया गया है कि बहिर्मुखी व्यक्ति ज्यादा बचत नहीं कर पाते। इसका कारण है कि उनके लिए खर्च करने की अपनी आदत पर रोक लगाना मुश्किल होता है। इसीलिए उनकी देनदारियां भी बढ़ती जाती हैं।

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रॉटमेन स्कूल के असिस्टेंट प्रोफेसर जैकब हर्श के अनुसार कई मामलों में लोगों के निर्णय उनकी चारित्रिक विशेषताओं से जुड़े होते हैं। उनके अनुसार बहिर्मुखी व्यक्ति अपने प्रयासों का तुरंत परिणाम चाहते हैं। कई बार वह नतीजे के बड़ा या छोटा होने की भी परवाह नहीं करते।

क्षेत्र विशेष शोध के आम नतीजे

अमेरिकी समाज में किए गए तीन हालिया अध्ययनों के आधार पर प्रो. हर्श ने बताया है कि किस तरह वहां लोगों में खर्च की आदत बढ़ने से निजी बचत में कमी आई है। बहिर्मुखता के कारण खर्च बढ़ता है। वहीं अलग-अलग देशों में शाहखर्ची का वहां के सकल घरेलू उत्पाद पर भी असर पड़ता है।

हर्श के अनुसार खर्च करने के कारण कई हो सकते हैं। हालांकि ज्यादातर व्यक्ति अपनी निजी पसंद-नापसंद के आधार पर ही फैसले लेते हैं। लेकिन इन अध्ययनों के आधार पर सामाजिक और आर्थिक रुझानों को व्यक्तिगत स्तर पर समझने की शुरुआत जरूर हुई है।


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