दो साल में संभव होगा मानव सिर का प्रत्यारोपण
सबकुछ सही रहा तो दो वर्षों के अंदर दुनिया में पहली बार मानव सिर का प्रत्यारोपण संभव हो सकेगा। इटली के एक सर्जन ने ऐसी तकनीक विकसित करने का दावा किया है, जिसके जरिये गंभीर सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा सकेगा।
लंदन। सबकुछ सही रहा तो दो वर्षों के अंदर दुनिया में पहली बार मानव सिर का प्रत्यारोपण संभव हो सकेगा। इटली के एक सर्जन ने ऐसी तकनीक विकसित करने का दावा किया है, जिसके जरिये गंभीर सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया जा सकेगा।
वर्ष 2013 में सर्वप्रथम मानव सिर के प्रत्यारोपण का विचार देने वाले ट्यूरिन एडवांस्ड न्यूरोमॉड्युलेशन ग्रुप (इटली) से जुड़े सर्गियो कैनावेरो ने नई तकनीक के बारे में प्रकाशित एक रिपोर्ट यह दावा किया है। उनका मानना है कि इसके जरिये डॉक्टर एक इंसान के सिर को दूसरे में लगा सकेंगे।
सर्जिकल न्यूरोलॉजी इंटरनेशनल जॉर्नल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस तकनीक के जरिये प्रत्यारोपण वाले इंसान के सिर व दाता के शरीर को इस हद तक ठंडा किया जाएगा कि उनकी कोशिकाएं कुछ समय तक बिना ऑक्सीजन के रह सके। दोनों व्यक्तियों (ग्रहणकर्ता व दाता) के रीढ़ की हड्डी को सफाई से काटने से पहले गले के आसपास के उत्तकों को हटाकर महत्वपूर्ण रक्त धमनियों को छोटे-छोटे ट्यूब से जोड़ दिया जाएगा।
इसके बाद रीढ़ की हड्डी को मिला दिया जाएगा। कैनावेरो के मुताबिक, शरीर के उस हिस्से में पॉलीएथीलीन ग्लाईकोल रासायन का प्रवाह किया जाएगा। उसके बाद उसी अनुपात में इंजेक्शन भी लगाए जाएंगे। उनका कहना है कि पॉलीएथीलीन ग्लाईकोल कोशिका की झिल्ली में वसा को मिलाने में सहायक सिद्ध होता है।
ग्रहणकर्ता को तीन या चार सप्ताह के लिए कोमा में डाल दिया जाएगा ताकि उसके शरीर में कोई भी हलचल न हो सके। कैनावेरो का दावा है कि कोमा से बाहर आने के बाद प्रत्यारोपण कराने वाला व्यक्ति सिर को हिलाने के अलावा चेहरे को महसूस भी कर सकेगा।
फीजियोथेरेपी के जरिये ऐसा इंसान एक साल के अंदर चलने-फिरने लगेगा। जून में प्रस्तावित अमेरिकन एकेडमी ऑफ न्यूरोलॉजिकल एंड आर्थोपेडिक सर्जन्स के सम्मेलन में कैनावेरो इस तकनीक को पेश करेंगे।
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