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ब्रिटेन में ही ब्रेक्जिट की मुखालफत शुरू, दोबारा जनमत संग्रह के लिए याचिका दायर

जनमत संग्रह के तुरंत बाद ही अब ब्रिटेेन के ईयू से अलग होने का भी विरोध शुरू हो गया है। इसके लिए दोबारा जनमत संग्रह कराने को लेकर भी एक याचिका दायर की गई है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2016 06:41 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2016 07:27 PM (IST)
ब्रिटेन में ही ब्रेक्जिट की मुखालफत शुरू, दोबारा जनमत संग्रह के लिए याचिका दायर

लंदन (प्रेट्र)। यूरोपीय संघ (ईयू) से अलग होने के फैसले के बाद ब्रिटेन में अब एक नई मांग शुरू हो गई है। ब्रेक्जिट (ईयू से ब्रिटेन का बाहर होना) पर दोबारा जनमत संग्रह को लेकर एक ऑनलाइन याचिका दाखिल की गई है। इस पर शनिवार सुबह तक 10 लाख से ज्यादा लोग हस्ताक्षर कर चुके थे। हाउस ऑफ कॉमंस की वेबसाइट पर यह याचिका डाली गई है। भारी समर्थन के कारण यह वेबसाइट भी क्रैश हो गई। अब इस पर संसद में बहस होगी। हाउस ऑफ कॉमंस में इस तरह की बहस के लिए किसी याचिका को एक लाख से ज्यादा लोगों का समर्थन मिलना जरूरी है।

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ब्रिटेन में गुरुवार को हुए जनमत संग्रह के दौरान 52 फीसद लोगों ने ईयू से बाहर होने का समर्थन किया था। 48 फीसद इसके विरोध में थे। लंदन, स्कॉटलैंड और उत्तरी आयरलैंड के ज्यादातर मतदाता ब्रिमेन (ईयू में ब्रिटेन का बना रहना) के पक्ष में थे। दोबारा जनमत संग्रह की मांग करने वाली याचिका का समर्थन करने वाले ज्यादातर लोग लंदन, ऑक्सफोर्ड, कैम्बि्रज, मैनचेस्टर और ब्राइटन से हैं। इस अभियान की शुरुआत विलियम ऑलिवर हेली ने की।

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याचिका में जनमत संग्रह के नियमों में संशोधन की मांग की गई है। इसके अनुसार 75 फीसद से कम मतदान अथवा 60 फीसद से कम मतों से जीत मिलने पर दोबारा मतदान का नियम लागू करने की मांग की गई है। हालांकि यह साफ नहीं है कि यदि नियमों में बदलाव की मांग मान ली जाती है तो यह पहले के मतदान पर प्रभावी होगा या नहीं। गौरतलब है कि 2014 में स्कॉटलैंड के अलग होने पर हुए जनमत संग्रह के बाद शुरू किया गया इसी तरह का अभियान असफल रहा था।

लंदन को स्वतंत्र राष्ट्र बनाने की मांग

लंदन के मेयर सादिक खान के नाम से भी ब्रेक्जिट के विरोध में एक ऑनलाइन याचिका शुरू हुई है। इसमें ब्रिटेन की राजधानी लंदन को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित करने की मांग की गई है। बीबीसी के अनुसार 94 हजार लोग इसका समर्थन कर चुके हैं। याचिका शुरू करने वाले जेम्स ओ मेली ने बताया कि लंदन एक वैश्रि्वक शहर है और इसे यूरोप के दिल में रहना चाहिए। लंदन में करीब साठ फीसद लोगों ने ईयू में बने रहने के लिए वोट दिया था।

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