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राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के होटल के बाहर धमाका

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को ऐतिहासिक ढाका विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं का तो दिल जीत लिया, लेकिन कट्टरपंथियों ने उन तक भी विरोध की आवाज पहुंचा दी। ढाका विश्वविद्यालय में भारत-बांग्लादेश की दोस्ती अमर रहने की कामना करने और बंगबंधु म्यूजियम में बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्ररहमान को श्रद्धांजलि देकर प्रणब अपने होटल सोनारगांव पहुंचे ही थे कि आधे घंटे बाद उस होटल से कुछ दूरी पर कमजोर विस्फोट से सनसनी फैल गई। भारतीय-बांग्लादेशी सुरक्षा एजेंसियां तत्क

By Edited By: Published: Mon, 04 Mar 2013 03:43 PM (IST)Updated: Tue, 05 Mar 2013 09:23 AM (IST)
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के होटल के बाहर धमाका

ढाका [राजकिशोर]। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को ऐतिहासिक ढाका विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं का तो दिल जीत लिया, लेकिन कट्टरपंथियों ने उन तक भी विरोध की आवाज पहुंचा दी। ढाका विश्वविद्यालय में भारत-बांग्लादेश की दोस्ती अमर रहने की कामना करने और बंगबंधु म्यूजियम में बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्ररहमान को श्रद्धांजलि देकर प्रणब अपने होटल सोनारगांव पहुंचे ही थे कि आधे घंटे बाद उस होटल से कुछ दूरी पर कमजोर विस्फोट से सनसनी फैल गई। भारतीय-बांग्लादेशी सुरक्षा एजेंसियां तत्काल सक्रिय हुई और पता लगा कि बोतल में पेट्रोल भर उसमें पटाखा रखकर यह धमाका किया गया था।

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बांग्लादेश में हड़ताल के दौरान यह सामान्य प्रक्रिया है। बांग्लादेश और भारतीय पक्ष दोनों ने ही इस धमाके को बेहद मामूली करार दिया और साथ ही राष्ट्रपति पर हमले से इसे जोड़कर देखे जाने से इन्कार किया। प्रणब की तीन दिन की यात्रा के विरोध में हड़ताल का एलान करने वाली जमाते इस्लामी को इस घटना के पीछे देखा जा रहा है। दरअसल, रविवार को तो ढाका में बंद का असर दिख रहा था, लेकिन दूसरे दिन सोमवार को दिनचर्या काफी हद तक सामान्य हो गई थी। जिस तरह से प्रणब ने बांग्लादेश के कट्टरपंथियों की सारी कोशिशों को अपना दौरा न टालकर धता बताई, इस घटना को उन्हीं ताकतों के विरोध दर्ज कराने से जोड़कर देखा जा रहा है।

कट्टरपंथी यहां पर प्रणब की यात्रा के भी विरोध में हैं। उनका समर्थन करते हुए मुख्य विपक्षी दल की नेता खालिदा जिया ने प्रणब से सोमवार को प्रस्तावित मुलाकात पहले ही रद कर दी थी। सोमवार को ऐतिहासिक ढाका विश्वविद्यालय में करीब 10 हजार छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के बीच बांग्ला भाषा में बेहद भावुक भाषण से भारतीय राष्ट्रपति ने सबका दिल जीत लिया। इस दौरान उन्होंने यहां से डाक्टरेट की उपाधि भी ग्रहण की। फिर बंगबंधु म्यूजियम गए और वापस होटल पैन पैसिफिक सोनारगांव के अपने सुइट में आ गए। करीब 2 बजे होटल से थोड़ी दूरी पर हल्की सी आवाज सुनाई दी, जिसके बाद एकदम से अफरा-तफरी मची।

तेजगांव के उप पुलिस अधीक्षक जौखरी मोनजुरुल कबीर ने दावा किया कि यह विस्फोट नहीं मामूली पटाखा था जो बंद के समर्थन में दागा गया था। पटाखे फोड़कर लोगों को बंद के लिए मजबूर करना यहां आम है। उन्होंने कहा 'अति विशिष्टों की सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की चिंता की जरूरत नहीं है।' राष्ट्रपति के प्रेस सचिव वेणु राजामणि ने भी बयान जारी किया 'राष्ट्रपति के होटल और उसके आसपास जन-जीवन बिल्कुल सामान्य है। प्रतिनिधिमंडल के किसी भी सदस्य ने कोई धमाका सुना तक नहीं।' हुआ भी यही, राष्ट्रपति का कोई कार्यक्रम इसके बाद बदला नहीं, सब पूर्व नियोजित रूप से चलता रहा।

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