युद्ध अपराध में बांग्लादेश के पूर्व मंत्री को मृत्युदंड
एक विशेष पंचाट ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मंगलवार को बांग्लादेश के एक पूर्व मंत्री को मौत की सजा सुनाई है।
ढाका। एक विशेष पंचाट ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मंगलवार को बांग्लादेश के एक पूर्व मंत्री को मौत की सजा सुनाई है।
यह सजा 73 वर्षीय सैयद मुहम्मद कैसर को तीन सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय अपराध पंचाट-2 ने सुनाई है। फैसला सुनाते हुए पंचाट के अध्यक्ष जस्टिस ओबैदूल हसन ने कहा, 'उसे (कैसर) मृत्यु तक फांसी पर लटकाया जाए।' ट्रायल के दौरान कैसर पर 16 में से 14 आरोप साबित हुए। वह पूर्व सैन्य शासक एचएम इरशाद के मंत्रिमंडल में मंत्री थे।
उनकी जातीय पार्टी सत्ताधारी आवामी लीग की सहयोगी है। मुक्ति संग्राम के दौरान कैसर ने अपने गृह शहर पूर्वोत्तर हबीगंज और पड़ोसी ब्राह्माणबरिया में पाकिस्तान समर्थित एक विशेष मिलिशिया बल का गठन किया था। कैसर ने 15 नवंबर, 1971 को 20 गांवों पर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा किए गए हमले में मदद की थी। इसमें सौ से ज्यादा लोग मारे गए थे। पूर्व मंत्री के खिलाफ नरसंहार, दुष्कर्म, जबरन वसूली, आगजनी और यातना देने के आरोप लगाए गए थे। अदालत ने उन्हें सात आरोपों में फांसी और बाकी में उम्रकैद की सजा सुनाई है।